अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को घटाया
जयपुर।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा दावोस में आयोजित किए जा रहे विश्व आर्थिक मंच की 50 वीं सालाना बैठक के दौरान भारत की जीडीपी को लेकर एक अनुमान को जारी किया है।आईएमएफ की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के गैर बैकिंग सेक्टर में घरेलु मांग तेजी से घटी है और कर्ज की बढ़ती में कमी देखने को मिली है। इसके पहले आईएमएफ ने चालू वित्तवर्ष में 6.1 फीसदी बढ़त होने का अनुमान जारी किया था।वहीं अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को काफी घटा दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़त दर महज 4.8 फीसदी बनी रहने की संभावना है। आईएमएफ ने इस बात को भी बताया है कि भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में गैर बैकिंग सेक्टर की सुस्ती के चलते विश्व की जीडीपी ग्रोथ अनुमान पर भी असर दिखाई पड़
सकता है।हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस बात की भी संभावना व्यक्त की है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक समझौता किए जाने से जल्दी ही दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में सुधार हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने हाल में यह चेतावनी देते हुए बताया है कि आईएमएफ चालू माह जनवरी में भारत की वृद्धि को और घटा सकता है।विश्व आर्थिक मंच के पेश की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका असर पूरे विश्व की जीडीपी ग्रोथ पर भी पड़ सकता है।
आईएमएफ का कहना है कि अपने आंकड़ों को संशोधित करते हुए जनवरी में नए आंकड़े जारी किए जायेंगे और इसमें भारत के मामले में कमी देखने को मिल सकती है।