क्यों हो रहे हैं आज कल के बच्चे इस नशे की आदत में लुप्त
जयपुर। आज कल हम लोग इतने ज्यादा व्यस्त हो चले हैं की हम न खुद पर जरा भी ध्यान देते हैं न हमारे बच्चों पर ध्यान देते हैं । जब भी बच्चा कुछ भी गलत करता है तो अभिभावक आपस में ही लड़ लिया करते हैं इस बात को समझने की जगह की यह संभालने का वक्त है उस बच्चे पर ध्यान देने का वक्त है । जबकि वह ऐसा ना कर आपस में ही इल्ज़ाम लगा रहे होते हैं की तुमने गलत किया तुमने ध्यान नही दिया तुम्हारी ज़िम्मेदारी थी याब यह था वो था ।
आज समय इतना बदल चुका है की जब माँ बाप घर में भी रहे तब भी अपने बच्चे की खेर खबर नही रखते हैं । नोकरी करना और न करना तो बहुत ही दूर की बात है जिन लोगों के बच्चे उनकी आँखों के भी सामने रहते हैं उनको भी अपने बच्चों से कोई खासा मतलब नही होता है की वह क्या हरकतें कर रहे हैं क्या नही कर रहे हैं ।
आजकल नशे के लिए बच्चों को बड़े होने की कोई जरूरत ही नही पड़ रही है 8 से 12 साल तक की उम्र में ही बच्चे इतने ट्रेंड हो गए हैं की उनको यह भी पता होता है की उनको नशे वाली वस्तुएं आसानी से कहाँ मिल सकती है । बच्चों को नशा करने के लिए पान वाले के पास बहुत ही आसानी से समान उपलब्ध हो जाता है ।
आज कल नशा करना कोई मेहनत का काम है ही नही कफ सिरप, पेट्रोल को सूंघ कर , थिनर जो की पेंट और नेलपेंट में काम आता है उसके जरिये हो या , घर में आसानी से मिल जाने वाली आइओडेक्स के जरिये ही बच्चे अपने नशे की आदत को बढ़ावा आसानी से दे पाते हैं । इतना ही नही आज कल तो बच्चे रोजाना में काम लिए जाने वाले deos को भी इसके लिए काम में ले रहे हैं क्योंकि उसमें एल्कोहल आता है और वह दिमाग में तुरंत चढ़ जाता है ।
यहाँ तक की जब बच्चे कुछ ऐसी वस्तुओं की मांग करते हैं तो ड्रग डीलर फिर वह केमिस्ट की शॉप हो या पान की दुकान वाले अपने धंधे को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को चोरी का भो रास्ता दिखा देते हैं । अभिभावकों के लिए यह बहुत जरूरी है की वह अपने बच्चों पर थोड़ा ज्यादा ध्यान दें उनकी हरकतों पर ख़ासी नजर रखें । उनको ऐसी बुरी आदतों का शिकार नहीं होने दें ।