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भारत का रक्षा उपग्रह एमीसैट कक्षा में स्थापित (राउंडअप)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस सैटेलाइट (एमीसैट) को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया। एमीसट के साथ-साथ दूसरे देशों के 28 विदेशी उपग्रहों को भी कक्षा में प्रक्षेपित किया गया। भारत ने सोमवार को लांच किए गए उपग्रहों के साथ अब
भारत का रक्षा उपग्रह एमीसैट कक्षा में स्थापित (राउंडअप)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस सैटेलाइट (एमीसैट) को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया।

एमीसट के साथ-साथ दूसरे देशों के 28 विदेशी उपग्रहों को भी कक्षा में प्रक्षेपित किया गया।

भारत ने सोमवार को लांच किए गए उपग्रहों के साथ अब तक 297 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश कराया।

पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) रॉकेट ने 46 देसी उपग्रहों को कक्षा में प्रवेश कराया है जिनमें 10 उपग्रहों का निर्माण देश के विश्वविद्यालयों के छात्रों ने किया है।

सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा, “आज पीएसएलवी ने सफलतापूर्वक इसरो द्वारा निर्मित एमीसैट उपग्रह और 28 व्यावसायिक उपग्रहों को को वांछित कक्षा में प्रवेश कराया। ये उपग्रह 504 किलोमीटर की ऊंचाई पर हैं।”

उन्होंने कहा कि अगले अभियान में करीब 5,000 लोगों को लांच का दीदार करने की अनुमति होगी।

विदेशी उपग्रहों में अमेरिका के 24, लिथुआनिया के दो और स्पेन तथा स्विट्जरलैंड के एक-एक उपग्रह शामिल हैं। लगभग 239 किलोग्राम वजनी पीएसएलवी रॉकेट ने सुबह 9.27 बजे उड़ान भरी।

इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने इससे पहले आईएएनएस से कहा था, “यह हमारे लिए विशेष मिशन है। हम चार स्ट्रैप-ऑन मोटरों वाला एक रॉकेट का उपयोग करेंगे। इसके बाद पहली बार रॉकेट को तीन विभिन्न दूरियों की कक्षाओं में ले जाने का प्रयास करेंगे।”

इसरो उपग्रहों के वजन क अनुसार रॉकेट का चयन करता है।

उड़ान भरने के सिर्फ 16 मिनट बाद रॉकेट के चौथे चरण के इंजन के बंद होने से रोमांच और बढ़ गया। इसके 47 सेकेंड बाद 753 किलोमीटर की ऊंचाई पर रॉकेट से एमीसैट निकल गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “सामरिक क्षेत्रों से उपग्रहों की मांग बढ़ गई है। लगभग छह या सात उपग्रहों के निर्माण की योजना है।”

भारत जुलाई या अगस्त में किसी समय अपने नए स्मॉल सेटेलाइट लांच व्हीकल (एसएसएलवी) रॉकेट से दो या ज्यादा रक्षा उपग्रहों को भी लांच करेगा।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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