Samachar Nama
×

अंटार्कटिका स्थित भारतीय स्टेशन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस है

दुनिया का सबसे दुर्गम क्षेत्र माना जाने वाले अंटार्कटिका महाद्वीप में हाल ही में मशहूर भारतीय भूवैज्ञानिक सुदीप्ता सेनगुप्ता ने 30 वर्षो के बाद अपने कदम रखे। भारतीय शोध केंद्र पहुंचने के बाद सुदीप्ता ने कहा कि नई तकनीक की मदद से इस बर्फीले द्वीप पर स्थित भारतीय स्टेशन ने विश्व में सर्वश्रेष्ठ बर्फीला स्टेशन
अंटार्कटिका स्थित भारतीय स्टेशन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस है

दुनिया का सबसे दुर्गम क्षेत्र माना जाने वाले अंटार्कटिका महाद्वीप में हाल ही में मशहूर भारतीय भूवैज्ञानिक सुदीप्ता सेनगुप्ता ने 30 वर्षो के बाद अपने कदम रखे। भारतीय शोध केंद्र पहुंचने के बाद सुदीप्ता ने कहा कि नई तकनीक की मदद से इस बर्फीले द्वीप पर स्थित भारतीय स्टेशन ने विश्व में सर्वश्रेष्ठ बर्फीला स्टेशन होने का खिताब हासिल कर लिया है। आपको बता दे कि इससे पहले 1983 में सुदीप्ता अंटार्कटिका गई थीं। सुदीप्ता ने पृथ्वी के दक्षिणवर्ती द्वीप पर बिताये पलों को अपनी जिंदगी के सबसे कीमती पल बताया है।

अंटार्कटिका स्थित भारतीय स्टेशन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस है

गौरतलब है कि अंटार्कटिका स्थित भारतीय स्टेशन से विश्व के किसी भी हिस्से में संपर्क स्थापित किया जा सकता है। इसके लिए वहां पर काफी अत्याधुनिक संचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। सुदीप्ता की माने तो तीस साल पहले पानी के जहाजों में सैटेलाइट फोन हुआ करता थे। जिनसे दुनिया से संपर्क स्थापित किया जाता था। बाद में सैटेलाइट फोन स्टेशन अंटार्कटिका पर ही स्थापित किए गए। हालांकि उस समय यह तकनीक काफी महंगी हुआ करती थी। एक महीने में सिर्फ तीन मिनट बात करने की अनुमति मिलती थी।

अंटार्कटिका स्थित भारतीय स्टेशन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस है

उन्नत तकनीक का ही कमाल है कि अब संचार कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अंटार्कटिका पर गए तीसरे भारतीय खोज दल ने अंटार्कटिका पर भारत का पहला स्टेशन दक्षिण गंगोत्री स्थापित किया था। पहला खोजी दल 1981 में भेजा गया था। वही अंटार्कटिका पर 2012 में भारत ने अपना तीसरा अत्याधुनिक शोध स्टेशन भारती स्थापित किया।

अंटार्कटिका स्थित भारतीय स्टेशन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस है

अंटार्कटिका के लिए शोध सलाहकार समिति की सदस्य सेनगुप्ता 1989 में नौंवें भारतीय खोजी दल के साथ लौट आई थीं। गौरतलब है कि अंटार्कटिका पृथ्वी की सबसे प्राचीन प्रागैतिहासिक कालीन अतिविशाल महाद्वीप का एक अहम हिस्सा है। भूगोल में इसे गोंडवानालैंड के नाम से जाना जाता है। गोंडवानालैंड में तब वर्तमान के दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, अरब, मेडागास्कर, भारत और आस्ट्रेलिया संयुक्त थे।अंटार्कटिका स्थित भारतीय स्टेशन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस है

Share this story