क्यों सीमित प्रारूप में भारतीय तेज गेंदबाज़ी विभाग हुआ कमजोर
जयपुर (स्पोर्ट्स डेस्क) भारतीय तेज गेंदबाज़ी विभाग की चर्चा विश्व क्रिकेट में होती रही है पर इन दिनों इस पर संकट नजर आने लगा है। दरअल भारतीय टीम के लिए सीमित प्रारूप में मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की तिकड़ी कहर बरपाने काम कर रही थी, लेकिन अब भुवी और बुमराह की चोटों ने तेज गेंदबाज़ी विभाग को कमजोर कर दिया ।
अलगे साल टी 20 विश्वकप आने जा रहा है अगर ऐसे में भारतीय टीम के लिए यह खिलाड़ी वापसी नहीं करते हैं तो टीम इंडिया की मुश्किल बढ़ जाएंगी । इन दिनों भारतीय टीम विंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रही जहां टीम इंडिया की अनुभवी तेज गेंदबाज़ के रूप में सिर्फ मोहम्मद शमी हैं ।
शमी भी पहले वनडे में महंगे रहे हैं और वह बुमराह और भुवी की भरपाई नहीं कर पाए हैं । वैसे तो दीपक चाहर जैसे युवा गेंदबाज़ों को भी मौका दिया जा रहा है पर उनके प्रदर्शन निरंतरता की कमी है।अब भारतीय टीम को यहां इस बात को तय करना होगा कि वह कम से कम दो अनुभवी गेंदबाज़ों के बिना टी 20 विश्व कप नहीं उतर सकती है।
ऐसे हो तेज गेंदबाज़ी विभाग मजबूत- बुमराह और भुवी की चोट के बाद भारतीय टीम के पास तेज गेंदबाज़ी विभाग को मजबूत करने के लिए एक ही चारा है कि उमेश यादव की सीमित प्रारूप में वापसी कराई । उमेश यादव ने टेस्ट हाल ही में शमी के साथ मिलकर घातक गेंदबाज़ी की है और वह अब यही काम सीमित प्रारूप में कर सकते हैं ।इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पिचों पर खेलने का अनुभव भी उमेश के पास है जहां टी 20 विश्व कप खेला जाना है।