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क्या देश को 15 साल पीछे ले गई मोदी सरकार

भारत में आर्थिक सुस्ती और मंदी की मार से हर कोई परेशान है। साल 2014 से लेकर 2020 तक यानी साढ़े पांच साल सरकार चलाने के बाद बाद भी देश की आर्थिक हालातों को लेकर चिंता सताने लगी है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर फैसला लिया। उस दौरान से देश में आर्थिक हालात में सुस्ती देखने को मिल रही है।
क्या देश को 15 साल पीछे ले गई मोदी सरकार

भारत में आर्थिक सुस्ती और मंदी की मार से  हर कोई परेशान है। साल 2014 से लेकर 2020 तक यानी साढ़े पांच साल सरकार चलाने के बाद बाद भी देश की आर्थिक हालातों को लेकर चिंता सताने लगी है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर फैसला लिया। उस दौरान से देश में आर्थिक हालात में सुस्ती  देखने को मिल रही है।

क्या देश को 15 साल पीछे ले गई मोदी सरकार

उस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के दूरगामी परिणाम आएंगे लेकिन हालात ऐसे हो गए कि अब मजदूर से लेकर उद्योग जगत तक परेशानी का आलम देखने को मिल रहा है। साल 2016 के पीएम मोदी के बोगस फैसले को लेकर दूरगामी परिणाम कोसों दूर भी दिखाई नहीं दे रहे हैं।क्या देश को 15 साल पीछे ले गई मोदी सरकार भारत की सकल घरेलू विकास दर साल 2020 में भी दस साल में सबसे कम रहने की संभावना जताई जा रही है। पिछले वित्त वर्ष में 1.8 प्रतिशत रही थी। इस वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत रहने को लेकर आकलन किया गया है। यदि आप बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं तो आपके सामने तो काफी परेशानियां पैदा हो रही होगी। मोदी सरकार का मेक इन इंडिया का नारा भी बोगस निकलकर सामने आया है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन 15 साल के सबसे नीचले पायदान पर जा पहुंचा है। आर्थिक सुस्ती का असर ऑटो जगत से लेकर टेलिकॉम सेक्टर को मारने में कोई कसर नहीं छो़ड़ रहा है। देश की गिरती जीडीपी को लेकर आर्थिक हालातों पर विश्लेषकों ने चिंतन करने की आवश्यकता बताई है। यदि ऐसे ही हालात रहे तो देश के सामने आर्थिक संकटों का पहाड़ खड़ा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

भारत में आर्थिक सुस्ती और मंदी की मार से हर कोई परेशान है। साल 2014 से लेकर 2020 तक यानी साढ़े पांच साल सरकार चलाने के बाद बाद भी देश की आर्थिक हालातों को लेकर चिंता सताने लगी है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर फैसला लिया। उस दौरान से देश में आर्थिक हालात में सुस्ती देखने को मिल रही है। क्या देश को 15 साल पीछे ले गई मोदी सरकार

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