पुरूषों में तनाव का स्तर बढ़ता है इन समस्याओं के कारण
जयपुर। तनाव मनःस्थिति से उपजा विकार है। मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है।तनाव का एक घातक समस्या माना जाता है।
क्योंकि तनाव के कारण ही लोगों में कई गंभीर रोगों के होने की आशंका बढ़ जाती है। तनाव शारीरिक एवं मानसिक दोनों रूपों में ही मनुष्य को नुकसान पहुंचाता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं।
ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है। विशेषज्ञ तनाव होने के कई कारण बताते है जिनमें से कुछ निम्न है। वित्तीय कठिनाइयां जो मानव अनुभवों का कारण बनती हैं और तनाव पैदा करती हैं।
स्वास्थ्य समस्या जो न्यूरोटिक और चिंतित अवसाद का कारण बनती है। गलत पोषण, विशेष रूप से शराब का उपयोग अक्सर शरीर में पोषक तत्वों की कमी की ओर जाता है। इसी समय, अगर किसी व्यक्ति को विभिन्न समस्याओं से परेशान किया जाता है, तो समय के साथ-साथ इस तरह की जिंदगी आगे बढ़ जाती है, जिससे रोगी की हालत खराब हो जाती है।
और धीरे—धीरे उसमें तनाव का स्तर बढ़ता जाता है। पति—पत्नी और बच्चों के लिए जिम्मेदारी की भावना पुरुषों में अवसाद का कारण बन सकती है, खासकर जब परिवार अक्सर संघर्ष कर लेता है। इसके अलावा कार्यस्थल या परिवार में लगातार संघर्ष, निजी जीवन में असफलता, विशेष रूप से तलाक जैसी समस्यां भी व्यक्ति के तनाव को बढ़ावा देती है।