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देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा, कोरोना संक्रमित मां इस प्रकार करें शिशु की देखभाल

जयपुर।आज के समय में हमारे देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।हमारे देश में अब तक लगभग 19 लाख लोग कोरोना संक्रमित पाएं गए है और करीब 40 हजार लोगो की मौत हो चुकी है।इस समय वैज्ञानिक दिनरात कोरोना वैक्सीन का परीक्षण करने में लगे हुए है, परंतु अभी तक किसी प्रकार की
देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा, कोरोना संक्रमित मां इस प्रकार करें शिशु की देखभाल

जयपुर।आज के समय में हमारे देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है।हमारे देश में अब तक लगभग 19 लाख लोग कोरोना संक्रमित पाएं गए है और करीब 40 हजार लोगो की मौत हो चुकी है।इस समय वैज्ञानिक दिनरात कोरोना वैक्सीन का परीक्षण करने में लगे हुए है, परंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई प्रभावी दवा नहीं बनाई जा सकी है।

देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा, कोरोना संक्रमित मां इस प्रकार करें शिशु की देखभालइसी बीच हाल ही में किए गए एक शोध में बताया गया है कि अगर मां कोरोना संक्रमित हो तो इससे शिशु में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।हालांकि मां के दूध से कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है। ऐसे में कुछ खास बातों का ध्यान रखकर शिशु की देखभाल करना आवश्यक है।

देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा, कोरोना संक्रमित मां इस प्रकार करें शिशु की देखभालनवजात शिशु को केवल दूध पिलाने लेने के लिए ही मां के पास लाना चाहिए, उसकी देखभाल से संबंधित अन्य कामों की जिम्मेदारी परिवार के सदस्यों को करनी चाहिए।कोरोना संक्रमित मां शिशु को दूध पिलाने से पहले अपने हाथ और ब्रेस्ट को साबुन से धोकर साफ टॉवल से साफ करें।

देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा, कोरोना संक्रमित मां इस प्रकार करें शिशु की देखभालहमेशा शिशु को बैठकर ही दूध पिलना सुरक्षित रहता है।क्योंकि लेटने पर मां की सांसो का सीधा असर शिशु के शरीर पर पड़ सकता है और इससे कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।इसके अलावा शिशु को दूध पिलाते समय मां को हाथों में ग्लव्स और मुंह पर मास्क का इस्तेमाल करना आवश्यक है।

देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण का खतरा, कोरोना संक्रमित मां इस प्रकार करें शिशु की देखभालकोरोना संक्रमित मां को खांसी, जुकाम और बुखार जैसी परेशानी बनी हुई हो तो, शिशु को डिब्बाबंद या गाय का दूध पिलना चाहिए।क्योंकि खांसी की ड्रॉप्लेट्स से शिशु के संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है।

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