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इस तरह करेंगे दालचीनी का सेवन, तो चुटकियों में दूर होगा कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा!

भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाला दालचीनी भोजन का स्वाद बढाने में तो लाभकारी होता ही है, लेकिन बीमारियों से लडने के लिए इसमें जो आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं, उनका बखान भी कम नहीं है। हालांकि, आमतौर पर दालचीनी का प्रयोग व्यंजनों में स्वाद और खुशबू बढाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसमें
इस तरह करेंगे दालचीनी का सेवन, तो चुटकियों में दूर होगा कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा!

भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाला दालचीनी भोजन का स्वाद बढाने में तो लाभकारी होता ही है, लेकिन बीमारियों से लडने के लिए इसमें जो आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं, उनका बखान भी कम नहीं है। हालांकि, आमतौर पर दालचीनी का प्रयोग व्यंजनों में स्वाद और खुशबू बढाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसमें मौजूद सभी एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण आपको कई प्रकार के घातक रोगों से बचाए रखने में लाभदायक साबुत होते हैं। शायद आप ना जानते हों, लेकिन बता दें कि, दूध में पौष्टिक तत्वों और प्रोटीन की भरपूर मात्रा अगर दालचीनी के साथ मिला दी जाए तो यह कई रोगों के काल के रूप में साबित होती है। ना सिर्फ इस मिश्रण के गुणों में बढोत्तरी होती है बल्कि इसके सेवन से कई रोगों का निवारण भी होता है।

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हड्डी और गठिया का दर्द

गठिया और हड्डियों में होने वाला दर्द बहुत असहनीय होता है जिसमें दवाओं के अलीवी परहेज की भी सख्त आवश्यकता होती है। लेकिन बता दें कि, दालचीनी में इस समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होती है और अगर इसका सेवन दूध के साथ किया जाए, तो यह गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग को धीमी गति से खत्म करके आपकी हड्डयों को पोषण प्रदान करता है। इसके सेवन के लिए एक ग्लास दूध में एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से सेवन करान चाहिए।

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कैंसर और इसके प्रभावों का काल

जानकारी के लिए बता दें कि, ज्यादातर मसालों और हर्ब्ल पदार्थों में दालचीनी को एंटीऑक्सिडेंट्स की खान माना जाता है, जिसका नियमित सेवन आपको कैंसर और एंटीएंजिग समस्याओं से बचाता है। इसके अलावा, दालचीनी का डाइट मं इस्तेमाल करने से डीएनए डैमेज, सेल म्यूटेशन और कैंसर ट्यूमर के बढते प्रभावों की रोकथाम होती है। और पुराने कैंसर के प्रभाव बी धीमे पड जाते हैं।

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हृदय रोगों से बचाव

जाहिर है कि, हृदय संबंधी समस्याओं में भी दालचीनी और दूध के घोल का नियमित रूप से प्रयोग करने पर का प्रयोग बैड कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा कम और गुड कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ जाती है। इसके अलावा, दालचीनी और दूध हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर के नियंत्रण का काम भी करता है। इसके सेवन से इंटरनल ब्लीडिंग की रोकथाम होती ,है जिसके तहत खून के थक्कों का जमना बंद हो जाता है।

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डायबिटीज में असरकारी

दालचीनी और दूध का संयुक्त रूप से सेवन करने पर डायबिटीज और इसके प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। इसको पीने से ना सिर्फ ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित हता है बल्कि हार्मोन इंसुलिन के इलाज में भी यह असरकारी साबित होता है। बता दें कि, हमारे खून में ग्लूकोज को घोलने के लिए एलानाइन नामक एंजाइम जिम्मेदार होते हैं लेकिन दालचीनी का सेवन इन एंजाइम्स को जड से खत्म करके खून में ग्लूकोज के स्तर को कम करता है।

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दिमाग समस्याओं का निवारण

जैसा कि बताया जा चुका है, दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट्स की ढेर सारी मात्रा पाई जाती है। ये आपके शरीर की इम्यूनिटी बढाकर गंभीर दिमागी बीमारियों जैसे पार्किन्सन और अल्जाइमर से छुटकारा दिलाने में लाभदायक होती है। इसका सेवन आपको न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर से बचाकर आपके शरीर में न्यूरो प्रोटेक्टिव प्रोटीन्स को सक्रिय करता है। इससे सिर में दर्द और सूजन तो खत्म होती ही है, साथ ही ब्रेन ट्यूमर की संभावनाएं भी खत्म हो जाती हैं।

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