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आने वाले सौ सालों में रहना का सलीका बदल जायेगा इस धरती पर

जयपुर। तकनीक बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके कारण से किस तरह के बदलाव आये है इस धरती पर इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। जिस तरह से तकनीक का विकास हो रहा है, उस हिसाब से लग रहा है कि आने वाले समय में दुनिया पूरी तरह से बदल
आने वाले सौ सालों में रहना का सलीका बदल जायेगा इस धरती पर

जयपुर। तकनीक बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके कारण से किस तरह के बदलाव आये है इस धरती पर इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। जिस तरह से तकनीक का विकास हो रहा है, उस हिसाब से लग रहा है कि आने वाले समय में दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी। कुछ वैज्ञानिकों ने बताया कि आने वाले सौ सालों में हम किस प्रकार से पृथ्वी पर रहेंगे? इसका जवाब देते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि तकनीकआने वाले सौ सालों में रहना का सलीका बदल जायेगा इस धरती पर

में इस क़दर बदलाव और नयापन देखने को मिल रहा है जिसके हिसाब से 3-डी प्रिंटर को इस सदी का सबसे अहम आविष्कार माना जा रहा है। 3-डी वस्तु का निर्माण प्रिंटिंग तकनीक की मदद से किया जा रहा है। यानि इसका मतलब है कि आने वर्षों में बनने वाले घर भी 3-डी प्रिंटिंग से निर्मित किये जा सकेंगे। वैज्ञानिक इसी के बारे में बताते है कि भविष्य के ये आधुनिक घर हर तरह की सुख सुविधाओं से लेस होंगे। ब्रिटेन में सेमसंग ने इस तकनीक की मदद से इमारत बनाने की योजना बनाई है जो कि उपकरणों तथा सेंसर्स से पूरी तरह सुसज्जित होंगी।आने वाले सौ सालों में रहना का सलीका बदल जायेगा इस धरती पर

तो आने वाले 100 सालों में हर इससे सुज्जित होगा और समय की बदलती गति के साथ रहने का तरीका भी बदल जाएगा। बताया जा रहा है कि इस तरह के घरों में 3-डी प्रिंटर के माध्यम से किसी भी वस्तु का आवश्यकतानुसार तुरंत निर्माण किया जा सकेगा और उसका उपयोग किया जा सकेगा। इसी तरह से बेकार हो जाने पर रिसाइकल भी किया जा सकेगा। बताते है कि इन घरों में विशेष सेंसर्स लगे होंगे जो कि सोलर पैनल्स द्वारा ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकेगा।आने वाले सौ सालों में रहना का सलीका बदल जायेगा इस धरती पर

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