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श्रावण मास में घर बैठे दर्शन करें 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

आज से सावन माह शुरु हो गया है। इस महीने में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन माह में प्रतिदिन इन ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है उसके सासमस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में घर बैठे ही भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराने जा रहे हैं।
श्रावण मास में घर बैठे दर्शन करें 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

जयपुर । आज से सावन माह शुरु हो गया है। इस महीने में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन माह में  प्रतिदिन इन ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है उसके सासमस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में घर बैठे ही भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के  दर्शन कराने जा रहे हैं।

1.) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग: गुजरात
पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर गुजरात के (सौराष्ट्र) प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र के में हैं।

2.) मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग: आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं।


3.) महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: उज्जैन, मध्य प्रदेश
तृतीय ज्योतिर्लिंग महाकाल या ‘महाकालेश्वर’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह स्थान मध्य प्रदेश के उज्जैन में है, जिसे प्राचीन साहित्य में अवंतिका पुरी के नाम से भी जाना जाता है।

4.) ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: उत्तरी भारत
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। इन दोनों शिवलिंगों की गणना एक ही ज्योतिर्लिंग में की गई है।

5.) केदारनाथ ज्योतिर्लिंग: उत्तराखंड
यह ज्योतिर्लिंग हिमालय की चोटी पर विराजमान श्री ‘केदारनाथ’ जी का है। श्री केदारनाथ को ‘केदारेश्वर’ भी कहा जाता है, जो केदार नामक शिखर पर विराजमान है।

6.) भीमशंकर ज्योतिर्लिंग: डाकिनी, महाराष्ट्र
इस ज्योतिर्लिंग का नाम ‘भीमशंकर’ है, जो डाकिनी पर अवस्थित है। यह स्थान महाराष्ट्र में मुंबई से पूर्व तथा पूना से उत्तर की ओर स्थित है।

7.) विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग: काशी, उत्तर प्रदेश
सप्तम ज्योतिर्लिंग काशी में विराजमान ‘विश्वनाथ’ को सप्तम ज्योतिर्लिंग कहा गया है।

8.) त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग: नासिक, महाराष्ट्र
अष्टम ज्योतिर्लिंग को ‘त्र्यम्बक’के नाम से भी जाना जाता है। यह नासिक जिले में पंचवटी से लगभग अठारह मील की दूरी पर है।

9.) वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग: झारखंड
नवम ज्योतिर्लिंग ‘वैद्यनाथ’ हैं। यह स्थान झारखंड प्रांत के संथाल परगना में जसीडीह रेलवे स्टेशन के समीप में है। पुराणों में इस जगह को चिताभूमि कहा गया है।

10.) नागेश्वर ज्योतिर्लिंग: बड़ौदा, गुजरात
नागेश नामक ज्योतिर्लिंग जो गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के समीप है। इस स्थान को दारूकावन भी कहा जाता है।

11.) रामेश्वर ज्योतिर्लिंग: तमिलनाडु
दशम ज्योतिर्लिंग ‘रामेश्वर’हैं। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबंध तीर्थ कहा जाता है। यह स्थान तमिलनाडु के रामनाथम जनपद में स्थित है। यहां समुद्र के किनारे भगवान रामेश्वरम का विशाल मंदिर शोभित है।

12.) घृश्णेश्वर ज्योतिर्लिंग: महाराष्ट्र
एकादशवां ज्योतिर्लिंग ‘घृश्णेश्वर है। यह स्थान महाराष्ट्र क्षेत्र के अंतर्गत दौलताबाद से लगभग अठारह किलोमीटर दूर बेरूलठ गांव के पास है।
आज से सावन माह शुरु हो गया है। इस महीने में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन माह में  प्रतिदिन इन ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है उसके सासमस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में घर बैठे ही भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के  दर्शन कराने जा रहे हैं।  श्रावण मास में घर बैठे दर्शन करें 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

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