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शोध बताता है,कैसा होता है मांस खाने वाले लोगों का व्यवहार

हाल ही में रेडबाउड यूनिवर्सिटी निजमेगेन और टिलबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये एक शोध के बाद वैज्ञानिकों ने मांस खाने वाले लोगों के आचरण के बारे में पता लगाया। जहां पर खुलासा हुआ है कि मांस खाने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में अहंकारी हो जाते हैं। शोधकर्ता रूस वॉंक ने इसका निष्कर्ष निकालते हुए कहा है कि मांस खाने को पारंपरिक रूप से हैसियत से जोड़ा गया है, मांस अब की तुलना में बहुत अधिक महंगा और दुर्लभ हुआ करता था। इसके साथ ही वो स्वार्थी हो जाता है और दूसरों से पहले खुद का स्वार्थ देखता है।
शोध बताता है,कैसा होता है मांस खाने वाले लोगों का व्यवहार

जयपुर। हाल ही में हुए शोध के बाद वैज्ञानिकों ने मांस खाने वाले लोगों के व्यवहार के बारे में बताया।यह शोध रेडबाउड यूनिवर्सिटी निजमेगेन और टिलबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। शोध के शुरूआती परिणामें में इस बात का खुलासा किया गया है कि जो लोग मांसाहार का सेवन करते है उनका मस्तिक अनिश्चित व्यवहार करने लग जाता है।

शोध बताता है,कैसा होता है मांस खाने वाले लोगों का व्यवहार

जिसका खुलासा उन्होनें कम मांस खाने वाले और मांस का अधिक सेवन करने वाले लोगों को शोध में शामिल करके किया।इस शोध में पाया कि जो लोग अनिश्चित व्यवहार कर रहे थे उनमें से 60 प्रतिशत लोगों ने खाने में मांस की मांग की जबकि अन्य लोगों में से केवल 20 प्रतिशत लोगों ने ही मांस की मांग की थी।

शोध बताता है,कैसा होता है मांस खाने वाले लोगों का व्यवहार

शोधकर्ताओं ने बताया कि मांस न केवल भोजन होता बल्कि एक प्रतिकात्मक मूल्य भी होता है। जिसके लिए वैज्ञानिकों ने कहा है कि मांस लोगों में अहंकार को बढ़ावा देता है।शोधकर्ता रूस वॉंक ने इसका निष्कर्ष निकालते हुए कहा है कि मांस खाने को पारंपरिक रूप से हैसियत से जोड़ा गया है, मांस अब की तुलना में बहुत अधिक महंगा और दुर्लभ हुआ करता था।

शोध बताता है,कैसा होता है मांस खाने वाले लोगों का व्यवहार

दूसरे अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मांस के बारे में लोग क्या सोचते है इसका पता लगाया है। जिसमें पता चला कि मांस खाने से मनुष्य दूसरों की तुलना में पहले अपना स्वार्थ देखता है, जो लोग मांस का सेवन नहीं करते या फिर कम करते है, वो अपने से पहले दूसरों के बारे मे सोचता है।

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वोंक के अनुसार ये समझना आसान हो जाता है कि “मांस खाना खुद को दूसरों से ऊपर उठाने का एक तरीका है। लेकिन खुद को ऊँचा उठाने से आप दूसरों के साथ संबंध भी खो देते हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए हम इन परिणामों पर पहुंचते है कि जो लोग मांस का सेवन करते हैं वो पदानुक्रम और प्रभुत्व से अधिक चिंतित होते हैं।

हाल ही में रेडबाउड यूनिवर्सिटी निजमेगेन और टिलबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये एक शोध के बाद वैज्ञानिकों ने मांस खाने वाले लोगों के आचरण के बारे में पता लगाया। जहां पर खुलासा हुआ है कि मांस खाने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में अहंकारी हो जाते हैं। शोधकर्ता रूस वॉंक ने इसका निष्कर्ष निकालते हुए कहा है कि मांस खाने को पारंपरिक रूप से हैसियत से जोड़ा गया है, मांस अब की तुलना में बहुत अधिक महंगा और दुर्लभ हुआ करता था। इसके साथ ही वो स्वार्थी हो जाता है और दूसरों से पहले खुद का स्वार्थ देखता है। शोध बताता है,कैसा होता है मांस खाने वाले लोगों का व्यवहार

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