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भारत में दवा की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर एनपीपीए उठा रहा कदम

देश में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कीमतों में इजाफे को लेकर खबर है। भारत के दवा मूल्य नियामक ने वर्तमान में मूल्य नियंत्रण के तहत 21 दवाओं की खुदरा कीमतों में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि को अनुमति दी है। इन दवाओं की कमी के कारण महंगा विकल्प चुनने वाले रोगियों को रोकने के लिए सार्वजनिक हित में कीमतें बढ़ा रहा है।
 भारत में दवा की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर एनपीपीए उठा रहा कदम

भारत में महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दवाओँ के दाम बढ़ाने को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। भारत के दवा मूल्य नियामक ने वर्तमान में मूल्य नियंत्रण के तहत 21 दवाओं की खुदरा कीमतों में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि की अनुमति दी है। इन दवाओं की कमी के कारण महंगा विकल्प चुनने वाले रोगियों को रोकने के लिए सार्वजनिक हित में कीमतें बढ़ा रहा है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) को आवश्यक और जीवनरक्षक दवाओं की कीमतों में कमी के लिए पहचाना जाता है। इनमें से अधिकांश दवाओं का प्रयोग उपचार की पहली रो में किया जाता है।

 भारत में दवा की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर एनपीपीए उठा रहा कदम

एनपीपीए की ओर से 9 दिसंबर को एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में बीसीजी वैक्सीन जैसे तपेदिक, एंटीबायोटिक्स, विटामिन सी जैसे मेट्रोनिडाजोल और बेंज़िलपेनिसिलिन, कुष्ठरोगी दवा और मलेरिया-रोधी दवा क्लोरोक्वीन डैप्सन पर लागू होगा। दवा निर्माण में प्रमुख अवयवों की बढ़ती कीमतों के कारण संभावित कमी को दूर करने के लिए कुछ दवाओं की कीमतों में वृद्धि करने के प्रस्ताव पर पहले से विचार चल रहा था।

 भारत में दवा की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर एनपीपीए उठा रहा कदम

एनपीपीए के अनुसार, अपवर्ड प्राइस रिवीजन के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। पिछले 2 सालों में प्रमुख घटक लागत में वृद्धि, विनिमय दर, उत्पादन की लागत में वृद्धि  आदि जैसे कारणों का हवाला देते हुए अस्थिरता उत्पन्न हुई है। इसके चलते दवाओं की दरों में इजाफा किया गया है। दरअसल, 9 दिसंबर को हुई बैठक में निर्यण लिया गया है कि ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के पैरा 19 के तहत मूल्य निर्धारण के लिए 21 अनुसूचित योगों पर विचार किया जा रहा है। इसके चलते सस्ती दवाओं को बार-बार मूल्य नियंत्रण के अधीन किया गया है। इनमें से अधिकांश दवाओं का उपयोग उपचार की पहली पंक्ति के रूप में किया जाता है।

देश में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कीमतों में इजाफे को लेकर खबर है। भारत के दवा मूल्य नियामक ने वर्तमान में मूल्य नियंत्रण के तहत 21 दवाओं की खुदरा कीमतों में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि को अनुमति दी है। इन दवाओं की कमी के कारण महंगा विकल्प चुनने वाले रोगियों को रोकने के लिए सार्वजनिक हित में कीमतें बढ़ा रहा है। भारत में दवा की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर एनपीपीए उठा रहा कदम

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