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जाने श्रावण मास में भगवीन शिव की पूजा का महत्व

हिन्दु धर्म में सावन के महीने का बङा ही महत्व है। तो आइए जानते हैं सावन के महीने की खासियत के बारे में- सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह महीना वर्ष का पांचवां महिना है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना जुलाई-अगस्त में
जाने श्रावण मास में भगवीन शिव की पूजा का महत्व

हिन्दु धर्म में सावन के महीने का बङा ही महत्व है। तो आइए जानते हैं सावन के महीने की खासियत के बारे में-

  1. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह महीना वर्ष का पांचवां महिना है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना जुलाई-अगस्त में आता है।जाने श्रावण मास में भगवीन शिव की पूजा का महत्व
  2. इस दौरान सावन सोमवार के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल श्रावस मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान करने की परंपरा है। माना जाता है कि श्रावण मास में बेल पत्र से भगवान शिव की पूजा कर और जल चढाकर उत्तम फल की प्राप्ति होती है।जाने श्रावण मास में भगवीन शिव की पूजा का महत्व
  3. शिव पुराण के अनुसार जो कोई व्यक्ति इस माह में सोमवार का व्रत करता है भगवान शिव उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु ज्योर्तिलिंग के दर्शन के लिए हरिद्वार, काशी, उज्जैन, नासिक समेत भारत के कई धार्मिक स्थलों पर जाते हैं।जाने श्रावण मास में भगवीन शिव की पूजा का महत्व
  4. सावन के महीने का प्रकृति से भी गहरा संबंध है क्योंकि इस महीने में वर्षा ऋतु के होने से संपूर्ण धरती बारिश से हरी-भरी हो जाती है। गरमी के मौसम के बाद इस महिने में बारिश होने से मनुष्य, जीव-जंतु व धरती पर रहने वाले समस्त प्राणियों को बड़ी राहत मिलती है। इसके अलावा सावन के महीने में कई त्योहार भी मनाए जाते हैं।
  5. सावन के महीने में शिव भक्त कांवड़ यात्रा का आयोजन करते हैं। इस दौरान लाखों शिव भक्त देवभूमि उत्तराखंड में स्थित शिवनगरी हरिद्वार और गंगोत्री धाम की यात्रा करते हैं। वे इन तीर्थ स्थलों से गंगा जल से भरी कांवड़ को अपने कंधों रखकर पैदल लाते हैं और बाद में वह गंगा जल शिव को चढ़ाते हैं। पूरे साल में सिर्फ एक बार होने वाली इस यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को कांवड़िया कहा जाता है।जाने श्रावण मास में भगवीन शिव की पूजा का महत्व
  6. सावन के इस पवित्र महीने में भक्तों के द्वारा तीन प्रकार के व्रत रखे जाते हैं:

– सावन सोमवार व्रत: सावन के महीने में सोमवार के दिन जो व्रत रखा जाता है उसे सावन सोमवार व्रत कहा जाता है। सोमवार का दिन भी भगवान शिव को समर्पित है।
– सोलह सोमवार व्रतसावन को पवित्र माह माना जाता है। इसलिए सोलह सोमवार के व्रत प्रारंभ करने के लिए यह बेहद शुभ समय माना जाता है।

-प्रदोष व्रत: सावन में भगवान शिव एवं मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए प्रदोष व्रत प्रदोष काल तक रखा जाता है।

 

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