मनुष्य को सपनों न आना भी होती है बीमारी का संकेत
जयपुर। रात को सोने के बाद सपने लगभग सभी को आते है। लेकिन इनमें से भी पूरी दुनिया में ऐसे भी कई लोग है जिनकों सोने के बाद आज तक कोई सपना नहीं आया है। जी हां, ऐसे भी लोग है। लेकिन क्या आप जानते है कि रात को सोने के बाद सपनों का न आना भी बीमारी का कारण हो सकता है।
वैज्ञानिक इसके संबंध में मानते है कि ये ऐसी बीमारी होती है, जिस पर लोगों का ध्यान ही नही जा पाता है। जिससे ये बीमारी समय के अनुसार बढ़ती ही जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। एक अध्ययन के बाद यह बात सामने आयी है कि इससे अवसाद का खतरा बढ़ जाता है।
लेकिन इन सब बातों से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर सपने आने का क्या कारण होता है। सपनों संंबंध में ठोस कारण तो कोई नहीं बता सकता है। मगर वैज्ञानिक सपनों के आने का सबसे पहला कारण नींद को मानते हैं। कहा जाता है कि नींद और हमारे मस्तिष्क का गहरा संबंध होता है।
नींद हमारे मस्तिष्क की मांसपेशियों का आराम पहुंचाती है। लेकिन नींद की अवस्था में कोशिकाएं न्यूरॉन पुन: सक्रिय हो जाती है। इन्हीं कोशिकाओं के कारण ही सपने आते हैं। एक शोध के बाद इस बात का पता लगा कि जिन लोगों को सपने आते है उनकों रोज रात को 4 से 6 सपने आते हैं।
लेकिन वो 90 फीसदी तो उठने के 10 मिनट के अंदर ही भूल जाता है। डॉक्टर बताते है कि जिन लोगों को सपने नहीं आते हैं, उनकी न्यूरॉन कोशिकाएं सक्रिय नहीं हो पाती है। यही कारण है उनको सपने नहीं आ पाते हैं।