मोबाइल गेम बन रहा है, लोगों की गंभीर बीमारी का कारण
जयपुर। वर्तमान में लोगों दिमाग में गेम का भूत सवार हो रहा है। पहले बच्चे तो थे ही गेम के शौकिन लेकिन अब तो बड़े भी इसी श्रेणी में आ गये है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके संबंध में चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर आप दफ्तर या रस्ते में मोबाईल गेम खेलते है, तो अभी से सम्भल जाये।
हो सकता है कि ये आप धीरे—धीरे गेमिंग एडिक्शन के शिकार हो चुके हो। वैज्ञानिकों ने हाल ही में मोबाइल गेम की बढ़ती तादात को देखते हुए इसे डिसआॅर्डर (दिमागी) बीमारी का नाम दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बढ़ती गेम की लत को देखते हुए इसे ये नाम दिया है।
आजकल आप कही भी देख लो, जिनके पास स्मार्टफोन है वो आपकों मोबाइल में ही लगा हुआ मिलेगा। फिर चाहे उसके पास कोई भी क्योें न बैठा हो। ये आप घर,बाहर,मेट्रा या बसों में कही पर देख सकते हो। कहा जा रहा है कि ये बीमारी के शिकार जितने बच्चों की संख्या है वर्तमान में उतने ही या उससे भी ज्यादा बड़ो की संख्या भी मिल सकती हैं।
लोग गेम्स में इतना खो जाते है कि उनकों ये भी मालूम नहीं होता की ये गेम केवल समय काटने के लिए बना है और वो उनका समय ही खा जाता है। लोगों को इसकी लत का तब पता चलता है जब आसपास के लोग उनको टोकने लगते है। लेकिन तब तक वो इसमें काफी अंदर तक समा चुके होते है, और वो इससे दूर नहीं हो सकते हैंं।
वैज्ञानिक और डॉक्टर इसे एक घातक बीमारी का रूप बता रहे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो मनुष्य एक दिन अपना खुद का अस्तित्व ही खो देगा। वो अपना मानसिक संतुलन भी खो सकता है।