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डायबिटीज़ के हैं मरीज तो दें इस बात पर ध्यान

डायबीटीज-रोगियों में अढेसिव कैप्सुलाइटिस ज्यादा देखने को मिलता है। 10-20% डायबीटीज-रोगियों में यह समस्या हो जाती है। अनेक अन्य स्वास्थ्य-समस्याओं के साथ भी कन्धे की यह बीमारी देखी जा सकती है। हायपोथायरॉयडिज़म, स्ट्रोक (फालिज), पार्किसंस रोग व हृदय-रोगों के साथ भी अढेसिव कैप्सुलाइटिस होती पाई गई है।
डायबिटीज़ के हैं मरीज तो दें इस बात पर ध्यान

 

जयपुर । आज कल डायबिटीज़ की बीमारी कुछ ऐसी हो चली है जैसे की सर्दी जुकाम की परेशानी कई आई लोग ऐसे भी हैं जिनको बहुत ही कम उम्र में इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । डायबिटीज़ की बीमारी वह बीमारी है जिसका कोई इलाज़ संभव नही है इतना ही इसके कारण और भी आई सारी परेशानियाँ होना यह भी संभाव हाओता ही है ।

डायबिटीज़ के हैं मरीज तो दें इस बात पर ध्यान

आज हम, आपको डायबिटीज़ के मरीजों को होने वाली एक बड़ी ही गंभीर परेशानी से आगाह करने जा रहे हैं । आज हम आपको बताने जा रहे हैं की कैसे डायबिटीज़ के मरीजों को कांधे में जब दर्द की परेशानी होने लगे तो वह क्या करे । आइये जानते हैं इस बारे में ।डायबिटीज़ के हैं मरीज तो दें इस बात पर ध्यान

डायबीटीज-रोगियों में अढेसिव कैप्सुलाइटिस ज्यादा देखने को मिलता है। 10-20% डायबीटीज-रोगियों में यह समस्या हो जाती है। अनेक अन्य स्वास्थ्य-समस्याओं के साथ भी कन्धे की यह बीमारी देखी जा सकती है। हायपोथायरॉयडिज़म, स्ट्रोक (फालिज), पार्किसंस रोग व हृदय-रोगों के साथ भी अढेसिव कैप्सुलाइटिस होती पाई गई है। कंधे में लगी किसी प्रकार की कोई चोट (मांसपेशी की चोट या फ्रैक्चर) भी यह समस्या पैदा कर सकती है।

डायबिटीज़ के हैं मरीज तो दें इस बात पर ध्यान

सबसे पहले चरण में कंधे में दर्द और जकड़न होते हैं, जो रात को बढ़ जाते हैं। 6 सप्ताह से 9 माह तक यह स्थिति रह सकती है और दर्द बढ़ सकता है। फिर अगले चरण में दर्द तो घट जाता है, लेकिन अकड़न बनी रहती है। कन्धा कम ही चल पाता है। यह स्थिति दो से छह माह तक रहा करती है। अन्तिम चरण में दर्द काफी घट चुका होता है एवं कन्धा बेहतर चलने लगता है। धीरे-धीरे कन्धा सामान्य हो जाता है।डायबिटीज़ के हैं मरीज तो दें इस बात पर ध्यान

अढेसिव कैप्सुलाइटिस को पहचानने के लिए डॉक्टर रोगी के लक्षणों को समझते हैं। उसका मुआयना करते हैं और कुछ जांचें भी कराते हैं। ध्यान इस बात पर रहता है कि कहीं यह कंधे की कोई अन्य समस्या तो नहीं। इसी क्रम में कंधे का एक्स रे, अल्ट्रासाउंड या एमआरआई में कराया जा सकता है। उपचार के लिए गर्म सिकाई के साथ दर्दनिवारकों का प्रयोग तो किया ही जाता है। फिजियोथेरेपी भी करवाई जाती है। कुछ मरीजों में कंधों के भीतर ग्लूकॉर्टिकॉइड के इंजेक्शन देने से भी लाभ मिलता है। टेंस विधि द्वारा दर्दकारी तन्त्रिकाओं के संदेशों को ब्लॉक करने से भी इस बीमारी का दर्द डॉक्टर घटाया करते हैं।

 

डायबीटीज-रोगियों में अढेसिव कैप्सुलाइटिस ज्यादा देखने को मिलता है। 10-20% डायबीटीज-रोगियों में यह समस्या हो जाती है। अनेक अन्य स्वास्थ्य-समस्याओं के साथ भी कन्धे की यह बीमारी देखी जा सकती है। हायपोथायरॉयडिज़म, स्ट्रोक (फालिज), पार्किसंस रोग व हृदय-रोगों के साथ भी अढेसिव कैप्सुलाइटिस होती पाई गई है। डायबिटीज़ के हैं मरीज तो दें इस बात पर ध्यान

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