अगर आप भी खाते हैं मछली तो हो जाएं सावधान, जानिए इसके बारे में!
आपको बता दें कि हाल ही में एक शौध किया गया है जिसमें इस बात का पता चला है कि अमेरिका के ग्रेट लक्स रिज़न में आम मछलियों के दिमाग में ह्यूमन एंटी-डिप्रेसेंट्स का निर्माण हो रहा है। शोधकर्ताओं को उस समय झटका लगा जब उन्होंने पाया कि नियाग्रा नदी में पाई जाने वाली मछलियों की 10 प्रजातियों के दिमाग में इन दवाइयों की भारी मात्रा है।
इस विषय पर अमेरिका की बुफैलो यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता डायना आगा ने जानकारी देते हुए बताया है कि नदी में एंटी-डिप्रेसेंट्स की खोज ने एन्वायरमेंट की चिंताओं को और भी अधिक बढ़ा दिया है। इसके आगे उन्होेने बताया कि ये इंग्रेडिएंट्स जो वेस्ट-वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से होते हुए नदी में आ रहे है वहीं मछलियों के दिमाग में जा रहे हैं। जो कि एक चिंता का विषय है।
शोधकर्ताओं ने आगे बताया है कि ये एंटी-डिप्रेसेंट्स मछलियों के खाने के बेहेवियर पर प्रभाव डालता है। कई मछलियों को अपने शिकारी के होने तक का पता नहीं चल पाता है। मगर इसके आगे शोधकर्ता रैंडोल्फ सिंह ने बताया है कि इन मछलियों को खाने से मनुष्य को कोई खतरा नहीं हैं मगर यह एक चिंता का विषय जरूर है।