बच्चा नही है बोल रहा तो उसके पीछे हो सकता है गले का इन्फेक्शन
जयपुर । बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनको लेकर हम सभी को काफी चिंता बनी ही रहती है । उनका थोड़ा सा रोना भी हमको काफी परेशान कर देता है । बच्चे अपनी परेशानी बयान नहीं कर पाते हैं की उनको हुआ क्या है । वह या तो उदास हो जाते हैं या वह परेशान और चिड़चिड़ा हो जाता है ।
ऐसे में कई बार बच्चा जब गले की बीमारी से पीड़ित होता है तो वह बोल नहीं पाता । हम इस बात को समझ नहीं पाते हैं की उसको हुआ क्या है पर हमारी थोड़ी सी भी लापरवाही हमको भारी पड़ जाती है । आज हम आपको इसी बारे में कुछ खास जानकारी देने जा रहे हैं । आइये जानते हैं इस बारे में ।
गले के दोनों तरह नरम ऊतकों की अंडाकार गांठ होती है जो कि शरीर में रोगाणुओं को प्रवेश करने से रोकती है लेकिन कई बार वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमित होने के कारण इस जगह में सूजन व जलन होने लगती हैं। जिसे टॉन्सिलाइटिस कहते हैं।
गले के पिछले हिस्से में ललिमा दिखाई देनी। टॉन्सिल के ऊपर पीली या सफेद परत दिखाई देती है जो कि पस भरने का संकेत होता है। बच्चे खाना खाने से मना करते है। कुछ भी खाने से उन्हें वह अंदर निगलने में दिक्कत होती हैं।
बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण बच्चों की सांसों से बदबू आने की संभावना रहती है।
इस दौरान बुखार हो सकता है।इस दौरान बच्चे बोल नही पाते है। इतना ही नहीं अंदर न निगलने की समस्या के कारण मुंह में अधिक लार इक्ट्ठी हो जाती है जो कि बाहर निकलती है। गले में जलन होने के कारण बच्चों को बार- बार खांसी आती है व गले में दर्द होता है।