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मंजूरी नहीं मिली तो होंगी प्रतीकात्मक, ऑनलाइन और वर्चुअल Ramleela

पुरानी दिल्ली की रामलीला न केवल देश भर में बल्कि विदेशों में भी खासी लोकप्रिय एवं चर्चित रही हैं। हालांकि इस बार कोरोना के कारण पुरानी दिल्ली की इन परंपरा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लालकिला के आसपास जगह-जगह लगने वाले मेले भी इस बार देखने को नहीं मिलेंगे। कुछ प्रमुख स्थानों पर
मंजूरी नहीं मिली तो होंगी प्रतीकात्मक, ऑनलाइन और वर्चुअल Ramleela

पुरानी दिल्ली की रामलीला न केवल देश भर में बल्कि विदेशों में भी खासी लोकप्रिय एवं चर्चित रही हैं। हालांकि इस बार कोरोना के कारण पुरानी दिल्ली की इन परंपरा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लालकिला के आसपास जगह-जगह लगने वाले मेले भी इस बार देखने को नहीं मिलेंगे। कुछ प्रमुख स्थानों पर प्रतीकात्मक और वर्चुअल रामलीलाएं देखने को मिल सकती हैं। दिल्ली में कई रामलीला समितियां कलाकारों के सहयोग से छोटी लीलाओं के मंचन की तैयारी कर रही है। वहीं कुछ जगह तो वर्षों पुरानी इस परंपरा पर विराम लगाने का फैसला लिया गया है। कई स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ केवल पुतला दहन का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान रावण के साथ साथ कोरोना का पुतला जलाने की भी तैयारी है। हालांकि राम लीलाओं कमेटियों को अभी इस विषय पर सरकार के फैसले का इंतजार है।

लाल किले के समीप तीन बड़ी रामलीलाएं होती हैं। इनमें लव कुश रामलीला, नव श्री धार्मिक रामलीला एवं धार्मिक परेड ग्राउंड रामलीला शामिल हैं। इसके अलावा यहां 1 दर्जन से अधिक दर्जन से अधिक छोटे पर्दे वाली रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं।

लव कुश रामलीला’ के सचिव अर्जुन कुमार ने कहा,रामलीला तो आयोजित की जानी है। अभी हमें दिल्ली पुलिस से एनओसी नहीं मिली है। जमीन की मंजूरी भी अभी तक नहीं मिल सकी है। लाल किला का यह मैदान आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अंतर्गत आता है। इस भूमि पर रामलीला करने के लिए हम जल्द ही संस्कृति मंत्री एवं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। हमें अभी तक बेशक मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन एक बात तो तय है कि हम तय नियमों का पालन करते हुए रामलीला जरूर करेंगे। इसके लिए वैकल्पिक तरीकों पर भी विचार किया जा रहा है।

वहीं बद्रीनाथ रामलीला कमेटी के आयोजक सुनील सिंह रौतेला के मुताबिक इस बार रामलीला का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 10-20 दर्शकों की मौजूदगी में किया जाएगा। शेष दर्शकों के लिए रामलीला का प्रसारण ऑनलाइन किए जाने की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।

अर्जुन कुमार ने कहा, मौजूदा नियम के तहत केवल 100 व्यक्ति ही व्यक्ति ही ऐसे किसी कार्यक्रम में एकत्रित हो सकते हैं। हम केंद्र सरकार से इसमें कुछ और छूट की की अपील करेंगे इसके साथ ही रामलीला के आयोजन के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली की अधिकांश बड़ी रामलीलाओं की तैयारी 3 महीना पहले ही शुरू कर दी जाती है। इन रामलीला में भव्य स्टेज, आकर्षक गेट, खाने-पीने के सैकड़ों स्टॉल और मनोरंजन के लिए झूले इत्यादि की व्यापक व्यवस्था होती है। हालांकि इस बार अभी तक ऐसी कोई तैयारी शुरू नहीं की जा सकी है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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