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कोई फिल्म सफल होती है, तो वह चलन बन जाती है : प्रीति शाहानी

फिल्म निर्माता प्रीति शाहानी व्यवसायिक रूप से सफल फिल्म ‘राजी’ और ‘बधाई हो’ का हिस्सा रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एक बार कोई खास तरह की फिल्म सुपरहिट हो जाती है तो उस तरह की फिल्मों का चलन बन जाता है। लेकिन यह निश्चित रूप से कोई नियम नहीं है। किस तरह से दर्शक
कोई फिल्म सफल होती है, तो वह चलन बन जाती है : प्रीति शाहानी

फिल्म निर्माता प्रीति शाहानी व्यवसायिक रूप से सफल फिल्म ‘राजी’ और ‘बधाई हो’ का हिस्सा रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एक बार कोई खास तरह की फिल्म सुपरहिट हो जाती है तो उस तरह की फिल्मों का चलन बन जाता है। लेकिन यह निश्चित रूप से कोई नियम नहीं है। किस तरह से दर्शक बॉक्स ऑफिस पर सफलता के लिए नए तरह की कहानियों के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस बारे में प्रीति ने कहा, “समस्या यह है कि एक बार कोई खास तरह की फिल्म सफल होती है तो वह एक चलन बन जाती है। कुछ बायोपिक्स ने अच्छा किया तो छह-सात बायोपिक्स बनने और रिलीज के लिए तैयार हो जाती हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह कोई नियम है। फिल्मकार दर्शकों की प्रतिक्रिया से बहुत उत्साहित हैं।”

प्रीति ने स्क्रीनरायटर्स एसोसिएशन की ओर से अंजुम राजाबली द्वारा आयोजित वैश्विक मीडिया और मनोरंजन सम्मेलन फिक्की फ्रेम्स के 20वें संस्करण के दौरान यह टिप्पणी की।

कई नवोदित पटकथा लेखक प्रोडक्शन हाउस तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें निराशा होती हैं। इसका हल बताते हुए वह कहती हैं, “यह जरूरी नहीं है कि एक अच्छा लेखक अपनी कहानी को अच्छे से पेश कर सके। एक निर्माता के रूप में आपके पास आईं सभी पटकथाओं को पढ़ना असंभव है, क्योंकि यह वास्तव में समय लेने वाली प्रक्रिया है। इसलिए लेखकों को अपनी पटकथा 15-20 पन्नों में बताने की कोशिश करनी चाहिए।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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