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विकास दुबे को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया होता तो मुझे अच्छा लगता : पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह

गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस ने शुक्रवार सुबह मध्यप्रदेश के उज्जैन से उत्तर प्रदेश लाते समय कानपुर के पास एक एनकाउंटर में मार गिराया। इस एनकाउंटर को लेकर अब तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। उप्र के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह का मानना है कि उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर पुलिस रिमांड में लेकर
विकास दुबे को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया होता तो मुझे अच्छा लगता : पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह

गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस ने शुक्रवार सुबह मध्यप्रदेश के उज्जैन से उत्तर प्रदेश लाते समय कानपुर के पास एक एनकाउंटर में मार गिराया। इस एनकाउंटर को लेकर अब तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। उप्र के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह का मानना है कि उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए थी। प्रकाश सिंह ने इस सनसनीखेज एनकाउंटर पर आईएएनएस से कहा, मुझे ज्यादा अच्छा लगता अगर उसे (विकास दुबे) सही सलामत उप्र में किसी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया होता और वहां से उसे 14 दिनों की पुलिस रिमांड में लेकर उससे पूछताछ की जाती। उससे काफी सारे तथ्य सामने आ सकते थे। अब उसके मर जाने से खुलासा नहीं हो पाएगा कि कौन-कौन लोग उसके संपर्क में थे? कौन लोग उसे हथियार देते थे? कौन लोग उसे सुरक्षा और पैसा देते थे?

सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह ने कहा, जो भी कार्रवाई हुई, मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। उसका एनकाउंटर हुआ है, किन परिस्थितियों में हुआ, कैसे भाग रहा रहा, कैसे कार पलटी, ये सब जांच का विषय है। वहीं जिन लोगों को अपने नाम के खुलासे का डर था, हो सकता है उन्होंने ऐसी परिस्थिति पैदा की हो कि उसका एनकाउंटर हो ही जाए।

उन्होंने आगे कहा, एनकाउंटर होना अप्रत्याशित था। आखिर कैसे उसका एनकाउंटर हो गया। जब वे (पुलिस) जानते थे कि वह कुख्यात अपराधी है, तो उसे हिफाजत के साथ लाना था। परंतु विकास दुबे के जिनके साथ लिंक थे, वे भी बड़े पॉवरफुल हैं। उन्हें क्या डर था, कैसे एनकाउंटर हो गया, ये जांच का विषय है।

विकास दुबे के नाटकीय गिरफ्तारी के बारे में सिंह ने कहा, मैंने आज तक अपनी पूरी नौकरी के दौरान ऐसा नहीं देखा कि कोई खतरनाक अपराधी मंदिर में सरेंडर करे। जिसे अपनी जान का खतरा होता है, वह न्यायालय में समर्पण करता है। वह बोलता है कि मुझे जेल में भेजिए, क्योंकि वह वहीं सुरक्षित महसूस करता है। उसको लगता है कि बाहर तो पुलिस मार देगी।

उन्होंने आगे कहा, आक्रोश तो था लोगों में, और उसी आक्रोश में उसका एनकाउंटर हो गया, ये हम कैसे कह सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। लेकिन पुलिस के अनुसार, शुक्रवार सुबह जब वह विकासे दुबे को गाड़ी में लेकर उप्र आ रही थी, उस वक्त कानपुर के पास एक दुर्घटना गाड़ी पलट गई, जिसके बाद विकास दुबे ने एक पुलिस अधिकारी का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।

न्यजू स्त्रात आईएएनएस

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