इसलिए ही तो धोनी को रिव्यू का मास्टर माइंड कहते है
जयपुर. टीम इंडिया का इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे व निर्णायक वन-डे में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी का आमंत्रण स्वीकारा और निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 256 रन बनाए। एमएस धोनी ने 66 गेंदों में चार चौकों की मदद से 42 रन बनाए।
जवाब में जो रूट (100*) और कप्तान इयोन मॉर्गन (88*) की दमदार पारियों की बदौलत इंग्लैंड ने 33 गेंदें शेष रहते 8 विकेट के बड़े अंतर से मैच व सीरीज 2-1 से अपने नाम की।
गौरतलब है कि इस मैच में धोनी ने भले ही बल्ले से कुछ कमाल नहीं किया हो। दरअसल, एमएस धोनी ने अपनी पैनी नजर से इंग्लैंड की टीम को हैरान कर दिया। उन्होंने अंपायर समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का सटीक इस्तेमाल करके अपना विकेट सुरक्षित किया और साबित किया कि आखिर क्यों डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम कहा जाता है। धोनी चाहें बल्लेबाजी के समय रिव्यू ले या विकिट किपिग के वक्त धोनी का रिव्यू हमेशा सही ही जाता है।
आपको बता दे कि धोनी अपनी पारी के 32 वें ओवर में बल्लेबाजी कर रहे थे। तभी गेंदबाज मोइन अली की गेंद उनके पीछे के पैड पर जाकर लगी। जैसे ही गेंद पैड पर लगी।
इंग्लैंड के खिलाडियों ने जोरदार अपील की और अंपायर ने इस अपील को खारिज नहीं करते हुए धोनी को आउट करार दे दिया। इसकेे बाद धोनी ने बेझिझक डीआरएस का इशारा किया। तब टीम इंडिया का स्कोर 5 विकेट पर 158 रन था।
यहां पर धोनी का अनुभव व अहसास काम आया। रीप्ले में दिखा कि गेंद जरूर लाइन में थी, जो जांघ पर जाकर लगी। हॉक आई में दिखा कि गेंद लेग स्टंप के बाहर जा रही है। लिहाजा, तीसरे अंपायर ने फैसला बल्लेबाज के पक्ष में सुनाया। अंपायर ब्रूस ओक्सेनफोर्ड ने स्कोरर की तरफ देखकर अपने फैसले को गलत दिखाते हुए नॉट आउट करार दिया।
आपको बता दे कि जिस समय धोनी मैदान पर होते है। तो रिव्यू लेने से पहले टीम के साथी उनसे जरूर सलाह लेते है। और धोनी हमेशा सहीं रिव्यू लेते है।