जयपुर।अमेरिका तथा भारत में किसानो के लिए की गई घोषित योजनाओ पर विश्व व्यापार संगठन के अन्य सदस्यो की पैनी नजर है,और यह बात WTO की कृषि समिति की तिमाही बैठक के लिए सोमवार को पेश किए गए सवालों से सामने आई है।भुगतानो के आदान प्रदान को लेकर WTO के नियम काफी सख्त है,और सदस्य देशों की सरकारे अन्य देशों पर बारीक नजर रखती है,ताकि वे बेईमानी ना कर सके।
26—26 जून को होने वाली बैठक के लिए प्रस्तुत किए गए 62 पृष्ठों में किए गए सवालों में स्पष्टीकरण के आग्रहों से लेकर गैरकानूनी तरीके से किए गए भुगतानों को लेकर लगाए जा रहे आरोप तक शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,दोनो नेताओ ने किसानो की आय को बढाने को प्राथमिकता बताया है।एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप चीन के साथ चल रहे कीमत युद्ध की वजह से हो रहे घरेलु नुकसान की भापाई के लिए उपायो में जुटे है,जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था में मंदी का सामना करना पड़ रहा है।
यूरोपीय यूनियन ने भारत से स्पष्ट करने के लिए कहा है कि,प्रधानमंत्री मोदी के 1000 खरब रूपये की योजनाओ के तहत वर्ष 2022 तक किसानो की आय दुगुनी करने के लिए 250 खरब रूपएं खर्च करने के प्रस्ताव के पीछे क्या है।
EU ने पूछा है,कृषि उत्पादों के वैश्विक बाजार मूल्यों तथा आवश्यकता से अधिक उत्पादन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के मद्देनज़र यह कैसे किया जाएगा?अमेरिका और आॅस्ट्रेलिया ने भी भारत की कृषि को दी जाने वाली नई ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग सहायता की विस्तार से जानकारी मांगी है।