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धरती पर कैसे शुरू हुआ जीवों का विकास सुलझी इसकी गुत्थी

जयपुर। पहले मुर्गी आई या अंडा इसका जवाब आज तक नहीं खोजा गया है। ये दुनिया की सबसे बड़ी अबूज पहेली है। जैसा की हम जानते है कि पृथ्वी पर जीवों की उत्पत्ति एवं विकास को लेकर कई तरह की धारणाएं प्रचलित हैं कई सच तो कई झूठी है। धरती पर जीवों की विकास एक
धरती पर कैसे शुरू हुआ जीवों का विकास सुलझी इसकी गुत्थी

जयपुर। पहले मुर्गी आई या अंडा इसका जवाब आज तक नहीं खोजा गया है। ये दुनिया की सबसे बड़ी अबूज पहेली है। जैसा की हम जानते है कि पृथ्वी पर जीवों की उत्पत्ति एवं विकास को लेकर कई तरह की धारणाएं प्रचलित हैं कई  सच तो कई झूठी है। धरती पर जीवों की विकास एक रहस्य है जिसका वैज्ञानिक निरंतर प्रयासरत हैं। इसी विषय में शोधकर्ताओं ने हाल ही में यह खुलासा किया है कि सबसे पहले धरती पर प्राणी कैसे आए थे?धरती पर कैसे शुरू हुआ जीवों का विकास सुलझी इसकी गुत्थी

लोग जानने के लिए बेताब है कि धरती पर कौन सबसे पहले आया होगा? पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को लेकर समय-समय पर कई वैज्ञानिकों और दार्शनिकों ने कई तरह के खुलासे किए हैं जिस पर यकिन किया भी जा सकता है और नहीं भी। इसी तरह से ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक रहस्य उजागर किया है जिसमें शोधकर्ताओं ने मध्य ऑस्ट्रेलिया की प्राचीन अवसादी चट्टानों का काफी गहन विश्लेषण किया है। और पता लगाने कि कोशिश की है कि धरती पर प्राणियों का विकास 65 करोड़ साल पहले शैवाल के विकास के साथ शुरू हुआ था।धरती पर कैसे शुरू हुआ जीवों का विकास सुलझी इसकी गुत्थी

इनका मानना है कि इस तरह के शैवाल समुद्री की गहराई में विकसित हुए थे। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोशेन ब्रोक्स ने इसके बारे में बात की है कि इस राज़ को उजागर करने के लिए हमने इन चट्टानों को पीसकर चूर्ण बनाया फिर इसके बाद चूर्ण में से प्राचीन जीवों के अणुओं को अलग किया। और फिर अंत में उस शैवाल का पता लगाया जो इस धरती पर पहला जीव हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह शैवाल का विकास नहीं होता तो इसके बिना इंसान और अन्य प्राणियों का अस्तित्व संभव ही नहीं होता।धरती पर कैसे शुरू हुआ जीवों का विकास सुलझी इसकी गुत्थी

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