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क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

सिनेमा की दुनिया में किसी भी फिल्म को रिलीज होने से पहले कुछ नियमों से गुजरना होता है हर किसी की एक प्रकिया होती है जिस पर सेंसर बोर्ड काम करता है ये है ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड। A लिस्ट में महंगी फिल्मो को तो वही B लिस्ट में कम महंगी और अश्लील फिल्मों को रखा गया है वही C लिस्ट में शामिल फिल्मों का कोई मतलब नहीं होता है।
क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

बॉलीवुड के गलियारों में फिल्मों को रिलीज होने से पहले एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है।जिसे लेकर कभी मेकर्स को मुंह की खानी पड़ती है तो वही दूसरी तरफ कभी फिल्मों को आसानी से रिलीज करने की क्लीन चिट दे दी जाती है।हालांकि सेंसर बोर्ड ने हर किसी फिल्म के लिए एक नियम बना लिया है।जिसके पास करने पर ही उन फिल्मों को रिलीज करने की इजाजत दी जाती है।सिनेमा की दुनिया में ये काफी जानकारी सवाल है जिसे पास करना हर किस के लिए आसान नहीं होता है।इस प्रकिया को सेंसर बोर्ड ने  ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड से डिवाइड किया है।क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

इन ग्रेड को लेकर कुछ मापदंड बनाए गये है जिसमे इनके कैटेगिरी की फिल्में शामिल की जाती है।ऐसे में बड़ी फिल्म में नामी कलाकार काम करते हैं और उनका बजट ज्यादा होता है और कलाकारों की फीस भी अधिक होती है। हालांकि कम बजट की कई ऐसी फिल्में हैं, जो ए ग्रेड के केटेगरी में रिलीज हुई हैं। इतना ही नहीं ए ग्रेड फिल्मों के कई ऐसे कलाकारों ने भी बी ग्रेड की फिल्मों में काम किया है।तो आइए जानते है इन ग्रेड का खेल।क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

A GREAD:सिनेमा में लागू होने वाली इस ग्रेड में सबसे बड़े बजट की फिल्मों को रखा जाता है।गौरतलब है इन फिल्मों में स्टार्स को भी मोटी फीस दी जाती है तो वही दूसरी तरफ महंगे कपड़े, भव्य सेट्स, नामी संगीतकार फिल्म को बड़े बजट की बना देते हैं। इन्हें बनाने के लिए बेहतर तकनीक और कैमरों का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये फिल्में ऐसी होती हैं जिन्हें आप फैमिली के साथ देख सकते हैं। इन फिल्मो में खूब पैसा होता है वही ऐसा कोई कॉन्टेंट या सीन नहीं होता जिस पर किसी को आपत्ति हो तो उसे ए ग्रेड से रिलीज किया जाता है।क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

B GREAD:ज्यादातर छोटे शहरों में रिलीज होने वाली फिल्मों को बी ग्रेड नाम दिया जाता है।ऐसी फिल्में जिनका बजट बहुत कम है।और बहुत कम सामग्री उपयोग की गई है।इतना ही नहीं इन फिल्मों की स्क्रीप्ट में दम नहीं होता बस मनोरंजन के लिए पूरी तरह से फिल्मो में अश्लीलता परोसी जाती है।हालांकि फिल्मों का ज्यादा चलन नहीं होता है वही बस फिल्मों को देखने के लिए सिनेमाघरो में उम्र के अनुसार टिकिट रखा जाता है।क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

C GREAD: स ग्रेड की फिल्मों का बजट बी ग्रेड की फिल्मों से भी कम होता है। भले ही दर्शक बी ग्रेड की फिल्मों के कुछ कलाकारों को जानते होंगे लेकिन सी ग्रेड की फिल्मों में काम करने वाले कलाकार बिल्कुल अंजान होते हैं। इनकी प्रोडक्शन वैल्यू एकदम निचले स्तर की होती है। कभी-कभी इनकी स्क्रिप्ट ही समझ नहीं आती है। यह फिल्में बी ग्रेड की फिल्मों से छोटी होती हैं।क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

इतना ही नहीं यदि इन ग्रेड की बात भी करें तो आमतौर पर ए ग्रेड की फिल्म नब्बे से दो घंटे, बी ग्रेड की फिल्में सत्तर से अस्सी मिनट जबकि सी ग्रेड की फिल्में पैंतालीस मिनट तक की होती हैं।क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

सिनेमा की दुनिया में किसी भी फिल्म को रिलीज होने से पहले कुछ नियमों से गुजरना होता है हर किसी की एक प्रकिया होती है जिस पर सेंसर बोर्ड काम करता है ये है ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड। A लिस्ट में महंगी फिल्मो को तो वही B लिस्ट में कम महंगी और अश्लील फिल्मों को रखा गया है वही C लिस्ट में शामिल फिल्मों का कोई मतलब नहीं होता है। क्या आपने जाना सेंसर बोर्ड के ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड का मतलब

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