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तो किस प्रकार से चिड़ियायें सीखती हैं भाषाएं

जयपुर। पक्षियों की भाषा हमारे समझ नहीं आती है। क्योंकि उनके शब्द हम नहीं जाते है। लेकिन कभी क्या आपने सोचा है कि पक्षी कैसे दूसरे पक्षियों की बातों को समझते है? किस तरह से यह आपना कम्यूनिकाशन करते होंगे। लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके ऊपक कई शोध कर खुलासा किया है कि दूसरे पक्षियों की बातें
तो किस प्रकार से चिड़ियायें सीखती हैं भाषाएं

जयपुर। पक्षियों की भाषा हमारे समझ नहीं आती है। क्योंकि उनके शब्द हम नहीं जाते है। लेकिन कभी क्या आपने सोचा है कि पक्षी कैसे दूसरे पक्षियों की बातों को समझते है?  किस तरह से यह आपना कम्यूनिकाशन करते होंगे। लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके ऊपक कई शोध कर खुलासा किया है कि दूसरे पक्षियों की बातें सुनकर कुछ भाषाएं सीखते हैं। इसकी के उदाहरण लिए ऑस्ट्रेलिया की छोटी सी चिड़िया ‘फेरी रेन’ दूसरी चिड़ियाओं की भाषा को पैदा होते ही नहीं समझती लेकिन जब वह कुछ दिनों की होती है तो वो महत्वपूर्ण शब्दों के अर्थ को बहुत अच्छे से समझ लेती हैं।तो किस प्रकार से चिड़ियायें सीखती हैं भाषाएं

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिसल और इस अध्ययन में साथ देने वाले बायलॉजिस्ट ऐंड्रयू रैडफर्ड बताते हैं कि हमें पता था कि कुछ जानवर अन्य प्रजातियों की भाषाओं को समझते हैं लेकिन हमें यह पता नहीं था कि वे भाषा सीखते कैसे हैं। इनका कहना था कि पक्षियों के पास कौशल सीखने के कई जरिए होते हैं जिनके द्वारा यह आपस में कम्यूनिकेश करते है। रैडफर्ड और ऑस्ट्रेलिया नैशनल यूनिवर्सिटी में उनके  सहयोगी ऑस्ट्रेलियन नैशनल बटैनिक गार्डन में घूमे रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक स्पीकर्स बजाया जिसमें अलग-अलग पक्षियों की आवाजें थीं।तो किस प्रकार से चिड़ियायें सीखती हैं भाषाएं

वैज्ञानिकों ने पहले पक्षियों को दो अनजान सी रिकॉर्डिंग सुनाई। इनमें से एक अलार्म की आवाज थी और दूसरी कंप्यूटर जनरेटेड पक्षी की आवाज। इसके स्वभाव को जानने के लिए पहली बार इन आवाजों को सुनने पर 16 फेरी रेन पक्षियों ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन दिमाग का इस्तेंमाल करते हुये वैज्ञानिक पार्क में चारों तरफ गए और रिकॉर्डिंग चलाना जारी रखा। तीन दिन बाद, वैज्ञानिकों ने पाया कि चिड़ियाओं ने आवाजें समझ ली हैं और प्रतिक्रिया भी देना शुरू किया। इससे ज्ञात हुआ कि ये भाषा सिखते है।तो किस प्रकार से चिड़ियायें सीखती हैं भाषाएं

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