प्यार या फिर आकर्षण क्या है आपके रिश्ते की सच्चाई इस तरह से करें जज
जयपुर । आज कल हर व्यक्ति के मुंह पर एक ही बीमारी का बुखार चढ़ा हुआ है । हर कोई चाहता है की वह अपने प्यार के साथ रहे उसके साथ अपना जीवन निकाल दे । सुबह से शाम ही उसमें हो जाये । उसका साथ ही आपको अपना लगता है बस । पर क्या यह सब सच में प्यार है या फिर सिर्फ आकर्षण ।
कई बार किसी को देख कर हमको लगता है की हम उसके साथ ही सारी जिंदगी निकाल दें । कई बार उसको देख कर हम उसकी और खींचे चले जाते हैं । कई बार होता है की हम बस उसको अपने साथ देज्ख्न पसंद करते हैं उसके लुक्स उसकी पर्सनलिटी ही हमको भाने लगती है । पर प्यार कभी भी क्या लुक्स से ही होता है । क्या उसका व्यक्ततित्व उसकी इंटेलीजेन्स , उसका दिल , उसकी सादगी , उसक्ल भोलापन आपको यह सब कभी नजर आता है ?
यह सिर्फ लुक्स उसकी फिजिकल अपीरियंस होना आपको अच्छी लगना महंगे महंगे पब्स में जाना और शॉपिंग करना यह सब प्यार नही हो सकता । उसके साथ चलना आपका उनको टीम देना फिजिकल क्टिव होना यह सब आकर्षण होता है ।
प्यार के रिश्ते में भी इंवेस्टमेंट की जरूरत होती है। यहां हम मटीरियलिस्टिक इंवेस्टमेंट की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि वक्त और इमोशन का इंवेस्टमेंट भी इसमें शामिल है। केवल फिजिकल अटैचमेंट से बात नहीं बनती। रिश्ते इमोशन से चलते हैं। अपनी बॉन्डिंग मजबूत बनाने पर जोर दें।
हर रिश्ते में दोनों का एक दूसरे को समझना बहुत जरउरई होता है । आपको यह जज करने के लिए की यह आपका प्यार है या अत्रेक्षण उनके बिना कुछ दिन रहने से , या उनको देख कर परेशानी को समाझ पाते हैं या नही । या आप उनकी परेशानी को महसूस करते हैं या नही क्या वह आपके साथ अपनी परेशानी और खुसी बांटते है या सिर्फ आपको जरूरत के समय याद करते हैं । इस बात पर गौर देने की बहुत जरूरत है ।