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इन वास्तु नियमों का खास ध्यान

व्यक्ति की अच्छी और बुरी सोच के लिए भी उसका निवास स्थल का वास्तु ही जिम्मेदार माना जाता हैं, सकारात्मक सोच की उत्पति व्यक्ति के आवास अथवा व्यावसायिक स्थल पर उपस्थित सकारात्मक शक्ति पर निर्भर करती हैं वास्तु को ठीक रखने में घर की साज सज्जा बहुत ही अहम भूमिका अदा करती हैं वही शयन कक्ष, रसोई, पढ़ाई का कमरा या शौचालय तक ही वास्तु को सीमित नहीं रखना चाएिह।
इन वास्तु नियमों का खास ध्यान

वास्तुशास्त्र व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं वही घर या कार्यालय में सकारात्मक शक्ति के स्तर को बनाए रखने के लिए यह बहुत जरूरी माना जाता हैं कि आपका भवन वास्तुअनुरूप हो। वही व्यक्ति की अच्छी और बुरी सोच के लिए भी ​उसका निवास स्थल का वास्तु ही जिम्मेदार माना जाता हैं, सकारात्मक सोच की उत्पति व्यक्ति के आवास अथवा व्यावसायिक स्थल पर उपस्थित सकारात्मक शक्ति पर निर्भर करती हैंइन वास्तु नियमों का खास ध्यानवास्तु को ठीक रखने में घर की साज सज्जा बहुत ही अहम भूमिका अदा करती हैं वही शयन कक्ष, रसोई, पढ़ाई का कमरा या शौचालय तक ही वास्तु को सीमित नहीं रखना चाएिह। बल्कि घर में अलग अलग स्थानों पर की गई साज सज्जा का भी व्यक्ति के जीवन में असर होता हैं। वही आज हम आपको वास्तु से जुड़े कुछ खास उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।इन वास्तु नियमों का खास ध्यान

वही प्रवेश द्वार पर अधिक तड़क भड़क वाली तस्वीरें न लगाकर शुभ प्रतीक निशान जैसे स्वस्तिक,ॐ, कलश, पवन घंटी, शंख, मछलियों का जोड़ा या आशीर्वाद मुद्रा में बैठे गणेश जी लगाना सर्वोत्तम रहता हैं। वही शयनकक्ष में पूजाघर या दिवंगतों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए। इससे वास्तुदोष उत्पन्न होता हैं वही इसके विपरीत दो हंसों या दो लव बर्ड्स की तस्वीर ही मास्टर बैडरूम में होनी चाहिए। मधुर दांपत्य के लिए राधा कृष्ण की तस्वीर लगाना सकारात्मक माना जाता हैं।इन वास्तु नियमों का खास ध्यान

वही जानवरों की छवियां कठोरता, वीभत्स्ता और लालच का प्रतीक मानी जाती हैं सज्जा में इनकी अवेहलना की जानी चाहिए। वही घर में जिन अन्य तस्वीरों को लगाना अनुचित माना गया हैं वे हैं युद्ध रक्तरंजित दृश्य, उजाड़ लै।डस्केप, सूखे पेड़ और अवसाद फैलाने वाले चित्र आदि को घर में नहीं लगाना चाहिए। यह घर परिवार में नकारात्मकता को फैलाती हैं।इन वास्तु नियमों का खास ध्यान

व्यक्ति की अच्छी और बुरी सोच के लिए भी ​उसका निवास स्थल का वास्तु ही जिम्मेदार माना जाता हैं, सकारात्मक सोच की उत्पति व्यक्ति के आवास अथवा व्यावसायिक स्थल पर उपस्थित सकारात्मक शक्ति पर निर्भर करती हैं वास्तु को ठीक रखने में घर की साज सज्जा बहुत ही अहम भूमिका अदा करती हैं वही शयन कक्ष, रसोई, पढ़ाई का कमरा या शौचालय तक ही वास्तु को सीमित नहीं रखना चाएिह। इन वास्तु नियमों का खास ध्यान

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