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Holika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही होली का त्योहार सभी पर्वों में विशेष माना गया हैं यह पर्व दो दिवसीय होता हैं इसकी शुरुआत होलिका दहन से ही आरंभ हो जाती है होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होता हैं। पुराणों में होलिका दहन और पूजा का
Holika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही होली का त्योहार सभी पर्वों में विशेष माना गया हैं यह पर्व दो दिवसीय होता हैं इसकी शुरुआत होलिका दहन से ही आरंभ हो जाती हैHolika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होता हैं। पुराणों में होलिका दहन और पूजा का खास महत्व होता हैं तो आज हम आपको होलिका दहन से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Holika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

जानिए होलिका दहन की कथा—
पौराणिक कथा के मुताबिक हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान के अनन्य भक्त थे। उनकी इस भक्ति से पिता हिरण्यकश्यप नाखुश थे। इसी बात को लेकर उन्होंने अपने पुत्र को भगवान की भक्ति से हटाने के लिए कई प्रयास किए, मगर भक्त प्रह्लाद प्रभु की भक्ति को नहीं छोड़ पाए।Holika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा अंत में हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने के लिए योजना बनाई। अपनी बहन होलिका की गोद में प्रह्लाद को बैठाकर आग के हवाले कर दिया। लेकिन भगवान की ऐसी कृपा हुई कि होलिका जलकर भस्म हो गई और भक्त प्रह्लाद आग से सुरक्षित बाहर निकल आए, तभी से होली का त्योहार मनाने की प्रथा शुरू हुई।Holika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

एक अन्या कथा के मुताबिक हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थी कि उनका विवाह भगवान शिव से हो जाए पर शिव अपनी तपस्या में लीन थे। कामदेव पार्वती की सहायता को आये। उन्होंने प्रेम बाण चलाया और शिव की तपस्या भंग हो गयी।Holika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा शिव को बड़ा क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी। उनके क्रोध की ज्वाला में कामदेव का शरीर भस्म हो गया। फिर शिव ने पार्वती को देखा। पार्वती की पूजा सफल हुई और शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। होली की आग में वासनात्मक आकर्षण को प्रतीकत्मक रूप से जला कर सच्चे प्रेम की विजय का उत्सव मनाया जाता हैं।Holika dahan 2021: होली के एक दिन पहले क्यों होती है होलिका दहन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

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