होली पर इस बार नहीं लग रहा भद्रा दोष
हिंदू धर्म में होली का पर्व प्रमुख माना जाता हैं वही होली से पहले होलिका दहन की विशेष पंरपरा हिंदू धर्म में हैं वही इस बार नौ मार्च दिन सोमवार को होलिका दहन के समय भद्राकाल की बाधा नहीं रहेगी।वही ज्योतिष के मुताबिक फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी की होलिका दहन के दिन भद्रा काल सुबह सूर्योदय से आरंभ होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही समाप्त हो जाएगी। वही इस तरह से शाम को प्रदोष काल में यानी शाम 6 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 20 मिनट तक किया जा सकेगा। पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक ही रहेगी।
वही नौ मार्च को सोमवार व पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र होने से इस दौरान ध्वज योग बना रहेगा। जो यश कीर्ति व विजय प्रदान करने वाला माना जाता हैं सोमवार को पूर्णिमा तिथि होने से चंद्रमा का प्रभाव भी अधिक बढ़ जाता हैं क्योंकि ज्योतिष के मुताबिक सोमवार के दिन चंद्रमा का दिन माना जाता हैं इसके साथ ही स्वराशि स्थित बृहस्पति की दृष्टि चंद्रमा पर बनी रहेगी। जिससे गजकेसरी योग का प्रभाव भी रहेगा। तिथि, नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति में होलिका दहन पर रोग, शोक और दोष का नाश तो होगा ही, साथ ही शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होगी। वही नौ मार्च दिन सोमवार को भद्रा का वास मृत्युलोक यानी पृथ्वी पर ही होगा, मगर भद्राकाल सुबह 6: 37 से शुरू होकर दोपहर 1:15 तक ही रहेगी। शाम को प्रदोषकाल में होलिका दहन के समय भद्राकाल नहीं होने से होलिका दहन शुभ फल प्रदान करने वाला बना रहेगा। वही होलिका दहन के लिए करीब एक माह पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं।