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इस साल तीन मार्च से होलाष्टक हो रहे आरंभ

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता हैं शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्यों को करने से जातक को उस कार्य का पूर्ण फल प्राप्त होता हैं मगर होलाष्टक के आरंभ हो जाने के बाद कोई भी शुभ मुहूर्त शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए नहीं हैं बता दें कि देव उठान से शुरू हुए मांगलिक कार्यों पर एक बार फिर से अल्पविराम लग जाएगा।
इस साल तीन मार्च से होलाष्टक हो रहे आरंभ

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता हैं शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्यों को करने से जातक को उस कार्य का पूर्ण फल प्राप्त होता हैं मगर होलाष्टक के आरंभ हो जाने के बाद कोई भी शुभ मुहूर्त शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए नहीं हैंImage result for holashtak बता दें कि देव उठान से शुरू हुए मांगलिक कार्यों पर एक बार फिर से अल्पविराम लग जाएगा। रंगों के महापर्व होली के अंतर्गत तीन मार्च से होलाष्टक आरंभ हो रहे हैं ऐसे में ज्योतिष के मुताबिक होलाष्टक से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। हिंदू धर्म पंरपंरा के मुताबिक मनाए जाने वाले विभिन्न पर्वों में होली बड़ी ही खास मानी जाती हैं।इस साल तीन मार्च से होलाष्टक हो रहे आरंभ

वही आपको बता दें कि होली का पर्व वास्तव में दो दिवसीय पर्व हैं जिसमें पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंग का पर्व मनाया जाता हैं, पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को ही होलिका दहन किया जाता हैं और अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में रंग या दुल्हैंडी का पर्व मनाया जाता हैं इस साल तीन मार्च से होलाष्टक हो रहे आरंभज्योतिष के मुताबिक इस साल नौ मार्च को होली और दस मार्च को दुल्हैंडी या रंग का पर्व हैं। होलाष्टक से मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती हैं वही तीन मार्च 2020 से होलाष्टक आरंभ हो रहे हैं जो नौ मार्च होलिका दहन के दिन तक रहेंगे। इसलिए ​इन तारीखों के बीच में कोई भी मांगलिक कार्य और नए कार्य नहीं किए जाएंगे। होलाष्टक आठ दिन तक उपस्थित रहते हैं, पर इस बार होलाष्टक के दौरान त्रयोदशी तिथि का क्षय हो रहा हैं।इस साल तीन मार्च से होलाष्टक हो रहे आरंभ

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता हैं शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्यों को करने से जातक को उस कार्य का पूर्ण फल प्राप्त होता हैं मगर होलाष्टक के आरंभ हो जाने के बाद कोई भी शुभ मुहूर्त शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए नहीं हैं बता दें कि देव उठान से शुरू हुए मांगलिक कार्यों पर एक बार फिर से अल्पविराम लग जाएगा। इस साल तीन मार्च से होलाष्टक हो रहे आरंभ

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