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हाई बीपी की परेशानी माँ और बच्चे दोनों के लिए बन सकती है जीवन का खतरा

हाई बीपी गर्भ तक जाने वाली नसों का साइज छोटा कर देता है जिससे बच्चे तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन व न्यूट्रिशन नहीं पहुंचता जो उसके धीमे विकास की वजह बन जाता है। इस स्थिति में जन्म के समय बच्चे का वजन काफी कम होता है, जिससे उसे मेडिकल सहायता देनी पड़ती है।
हाई बीपी की परेशानी माँ और बच्चे दोनों के लिए बन सकती है जीवन का खतरा

 

जयपुर । माँ बनना बहुत ही सौभाग्य की बात है । जब कोई महिला माँ बनती है तो यह उसके लिए सबसे ज्यादा नाजुक और सबसे ज्यादा खुशी के पल होते हैं । उसको पूरे 9 महीने कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है । कभी खानपान कभी स्वास्थ्य कभी क्या तो कभी क्या ? ऐसे मे गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की खुद के प्रति  और अपने अंदर पल रहे बच्चे के प्रति और भी कई ज्यादा ज़िम्मेदारी बद्झ जाती है की सब कुछ अकव्हा रहे ।हाई बीपी की परेशानी माँ और बच्चे दोनों के लिए बन सकती है जीवन का खतरा

पर इसी समय में  हुई हल्की सी लापरवाही बच्चे और माँ दोनों के लिए बहुत ही ज्यादा परेशानी खड़ी कर सकता है । खास कर हाई बीपी की परेशानी । हाई ब्लड प्रेशर किसी भी व्यक्ति की हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होता है। यह व्यक्ति के दिल और किडनी पर प्रेशर बढ़ाता है जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं प्रेग्नेंसी में यह स्थिति सिर्फ मां ही नहीं बल्कि कोख में पल रहे बच्चे के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है।हाई बीपी की परेशानी माँ और बच्चे दोनों के लिए बन सकती है जीवन का खतरा

प्रेग्नेंसी के दौरान हाई बीपी होने के कारण महिला के कुछ अंगों जैसे किडनी, लिवर आदि सही तरह से काम करना बंद कर देते हैं। अगर इसका शुरुआत में ही इलाज न किया जाए और यह गंभीर रूप ले ले तो इससे किडनी फेलियर, लिवर फेल और ब्रेन डैमेज हो सकता है। यह कोमा में भी पहुंचा सकता है जो बाद में जान भी ले सकता है।हाई बीपी की परेशानी माँ और बच्चे दोनों के लिए बन सकती है जीवन का खतरा

हाई बीपी गर्भ तक जाने वाली नसों का साइज छोटा कर देता है जिससे बच्चे तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन व न्यूट्रिशन नहीं पहुंचता जो उसके धीमे विकास की वजह बन जाता है। इस स्थिति में जन्म के समय बच्चे का वजन काफी कम होता है, जिससे उसे मेडिकल सहायता देनी पड़ती है।हाई बीपी की परेशानी माँ और बच्चे दोनों के लिए बन सकती है जीवन का खतरा

हाई बीपी गर्भ तक जाने वाली नसों का साइज छोटा कर देता है जिससे बच्चे तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन व न्यूट्रिशन नहीं पहुंचता जो उसके धीमे विकास की वजह बन जाता है। इस स्थिति में जन्म के समय बच्चे का वजन काफी कम होता है, जिससे उसे मेडिकल सहायता देनी पड़ती है। हाई बीपी की परेशानी माँ और बच्चे दोनों के लिए बन सकती है जीवन का खतरा

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