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अल्जाइमर से जुड़ा है हर्पीस वायरस

वैज्ञानिकों को हर्पीस संक्रमण व अल्जाइमर बीमारी के जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं। साथ ही वैज्ञानिकों ने एंटीवायरल की संभावनाओं का भी पता लगाया है, जो न्यूडिजनरेटिव रोग के खतरे को कम करता है। इस शोध में जब गंभीर रूप से हर्पीस से संक्रमित लोगों का एंटीवायरल दवाओं के साथ इलाज किया गया तो
अल्जाइमर से जुड़ा है हर्पीस वायरस

वैज्ञानिकों को हर्पीस संक्रमण व अल्जाइमर बीमारी के जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं। साथ ही वैज्ञानिकों ने एंटीवायरल की संभावनाओं का भी पता लगाया है, जो न्यूडिजनरेटिव रोग के खतरे को कम करता है। इस शोध में जब गंभीर रूप से हर्पीस से संक्रमित लोगों का एंटीवायरल दवाओं के साथ इलाज किया गया तो डिमेंशिया (मनोभ्रम) का सापेक्ष खतरा 10 गुना कम हो गया।

हर्पीस सिम्पेक्स वायरस (एचएसवी) ज्यादातर मानव को युवा काल में संक्रमित करता है या परिधीय तंत्रिका तंत्र के भीतर शरीर में जीवन भर निष्क्रिय रूप में बना रहता है।

ऐसे बहुत से शोध हैं, जो हर्पीस व अल्जाइमर के संबंध को बताते हैं। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के ताइवानी इपिडेमिओलाजिस्ट द्वारा इस साल फरवरी में प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि हर्पीस सिम्पेक्स वायरस टाइप 1 (एचएसवी1) ने रोग को विकसित करने के जोखिम को बढ़ा दिया है।

जर्नल ऑफ अल्जाइमर्स डिजीज में प्रकाशित रपट के अनुसार शोध दल ने कहा कि उन्हें हर्पीस संक्रमण व अल्जाइमर के बीच एक कारक संबंध का अबतक काफी प्रमाणिक साक्ष्य मिला है।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रूथ इट्झाकी ने कहा, “मेरा मानना है कि हम इस भयावह स्थिति से जुड़े विचित्र आंकड़ों के निहितार्थ को सबसे पहले समझा है, जो मुख्य रूप से बुजुर्गो को प्रभावित करता है। इसका अब तक कोई प्रभावी इलाज नहीं है।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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