इसलिए हिंदी फिल्मों में काम करने से कतराते हैं साउथ सुपरस्टार्स
एस एस राजामौली की फिल्म बाहुबली ने देश ही नहीं दुनियाभर में शानदार कमाई की थी। साथ ही इस फिल्म ने कमाई के कई हैरान करने वाले आंकड़े तक शेयर किए थे। इस फिल्म के बाद से अभिनेता प्रभास की लोकप्रियता काफी ज्यादा बढ़ गई। बाहुबली के बाद से साउथ इंडियन फिल्मों की लोकप्रियता नॉर्थ इंडिया में बढ़ी है। बॉलीवुड स्टार्स साउथ की फिल्मों में बढ़ चढ़कर काम कर रहे हैं। इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, आलिया भट्ट और विद्या बालन जैसे कलाकारों का नाम शामिल है। हाल ही में प्रभास ने फिल्म साहो के जरिए बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा है। जिससे प्रभास के फैंस संख्य बढ़ गई हैं। वहीं आपको बता दें कि प्रभास के अलावा और भी कई ऐसे स्टार्स है जो बॉलीवुड की फिल्मों में काम करने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन ये साउथ सुपरस्टार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने से कतराते हैं। इस लिस्ट में महेश बाबू, विजय देवरकोंडा, अल्लू अर्जुन, विजय, विक्रम, यश जैसे सितारों की फैन फॉलोइंग सिर्फ साउथ में ही नहीं देशभर में है। आपको बता दें कि इन सितारों की फिल्मों के हिंदी वर्जन को नॉर्थ इंडिया में काफी शानदार व्यूअरशिप मिलती है। लेकिन सवाल ये है कि हिंदी फैंस के बीच लोकप्रियता के बाद भी ये सितारे क्यों हिंदी फिल्मों में नजर नहीं आते? आपको बता दें कि मेकर्स के अप्रोज करने के बावजूद ये साउथ स्टार्स हिंदी फिल्मों में काम करने से कतराते हैं। ये बॉलीवुड में एंट्री करने से डरते हैं। हालांकि इसका जवाब प्रभास की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म साहो से मिल गया है। रीजनल एक्टर्स के लिए भाषा सबसे बड़ी रुकावट है। रजनीकांत, कमल हासन जैसे सितारों को छोड़ कम ही रीजनल स्टार्स ऐसे हैं, जो हिंदी में तेज तर्रार हैं।
साहो में प्रभास ने अपने डायलॉग हिंदी में बोले थे, अच्छी कोशिश के बावजूद प्रभास की हिंदी पर्दे पर कमजोर दिखी। खराब डायलॉग डिलीवरी को लेकर उन्हें ट्रोल भी किया गया। इस कारण दूसरे साउथ स्टार्स भी अपनी खराब हिंदी की वजह से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने से कतराते है।