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समय पर हेपेटाइटिस बी का टीका लिवर रोग में मददगार

लिवर की अधिकांश बीमारियां साइलेंट होती हैं। जब तक लक्षण प्रकट होते हैं, तब तक लगभग 50 प्रतिशत या अधिक नुकसान हो चुका होता है। समय पर पता न लग पाने और उपचार न मिलने से लिवर का सिरोसिस (स्कार्फि ग) विशेष रूप से वायरल हेपेटाइटिस बी और सी में प्रकट होता है। एचबीवी संक्रमण
समय पर हेपेटाइटिस बी का टीका लिवर रोग में मददगार

लिवर की अधिकांश बीमारियां साइलेंट होती हैं। जब तक लक्षण प्रकट होते हैं, तब तक लगभग 50 प्रतिशत या अधिक नुकसान हो चुका होता है। समय पर पता न लग पाने और उपचार न मिलने से लिवर का सिरोसिस (स्कार्फि ग) विशेष रूप से वायरल हेपेटाइटिस बी और सी में प्रकट होता है। एचबीवी संक्रमण को रोकने में प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पुराने लिवर रोग और हेपेटोसेल्युलर कार्सिनोमा (एचसीसी) या लिवर कैंसर की घटनाओं को कम करने के लिए जाना जाता है।

टीकाकरण प्रोटोकॉल – पहला टीका : पहले ही दिन। दूसरी खुराक : 1-2 महीने के बीच। तीसरी खुराक : 4-6 महीने के बीच।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का मानना है, “हमारा लिवर रक्त से विषाक्त पदार्थो को हटाने और उन्हें विसर्जन के लिए तैयार करने में मदद करता है। चूंकि शरीर का पूरा रक्त इससे होकर गुजरता है, लिवर रक्त प्रवाह में शामिल कैंसर कोशिकाओं के लिए असामान्य रूप से सुलभ होता है। यह कई प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है, जिसके कारण विभिन्न प्रकार के ट्यूमर वहां बन सकते हैं। वे सौम्य (गैर-कैंसरकारी), या कैंसरकारक हो सकते हंै और शरीर के अन्य भागों (मैटास्टेसाइज) में फैल सकते हंै।”

उन्होंने कहा, “इन ट्यूमर्स के अलग-अलग कारण होते हैं और उनका अलग-अलग व्यवहार होता है। प्राथमिक लिवर कैंसर की पहचान वाले सभी लोगों में से आधे से अधिक में सिरोसिस होता है – आमतौर पर अधिक शराब पीने के कारण लिवर में होने वाली एक गंभीर स्थिति।”

लिवर कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों में वजन और भूख की कमी शामिल है। उलटी, लिवर या स्पलीन का आकार बढ़ जाना, पेट में दर्द या दाएं कंधे के ब्लेड के पास दर्द, पेट में सूजन या तरल पदार्थ का निर्माण, खुजली और त्वचा व आंखों में पीलापन प्रमुख हैं।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, “चार मुख्य टी चरण होते हैं – टी 1 से टी 4 तक। डॉक्टर जिन कारकों पर ध्यान देते हैं, उनमें लिवर ट्यूमर का आकार और यह जानना कि क्या कैंसर यकृत की रक्त वाहिकाओं में पहुंच गया है, प्रमुख है। इसका मतलब यह हो सकता है कि कैंसर स्पष्ट रूप से नसों या धमनी के आसपास बढ़ रहा है। या इसका मतलब यह हो सकता है कि नस या धमनी की दीवार में कैंसर की कोशिकाएं धीरे से विकसित हो रही हैं।”

कुछ सुझाव :

– शराब और तंबाकू के उपयोग को सीमित करें। यदि आप नुकसान में कमी के लिए अधिक कुछ नहीं कर सकते हों।

– अल्कोहल की लंबे समय तक अधिक खपत यकृत कैंसर के विकास के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।

– स्वस्थ भोजन करें और फल, सब्जियां व साबुत अनाज का भरपूर उपभोग करें। ये एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होते हैं और शरीर में फ्री रेडिकल्स के गठन को रोकते हैं।

– हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। यह न केवल आपको फिट रखेगा, बल्कि अतिरिक्त वजन भी कम करेगा।

– हेपेटाइटिस बी के लिए टीकाकरण प्राप्त करें।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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