Samachar Nama
×

Health tips:कोलन कैंसर से बचने के लिए, डाइट में करें फाइबर युक्त चीजों का सेवन

जयपुर।आज के समय में गलत खानपान के हमारा शरीर कई प्रकार के रोगों का शिकार बनता जा रहा है।जिसमें पेट संबंधी रोगों का खतरा अधिक रहता है और पाचन तंत्र के बिगड़ने से आज के समय में कोलोरेक्टल कैंसर भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों में बढ़ता जा रहा है। पेट की आंत या कोलन
Health tips:कोलन कैंसर से बचने के लिए, डाइट में करें फाइबर युक्त चीजों का सेवन

जयपुर।आज के समय में गलत खानपान के हमारा शरीर कई प्रकार के रोगों का शिकार बनता जा रहा है।जिसमें पेट संबंधी रोगों का खतरा अधिक रहता है और पाचन तंत्र के बिगड़ने से आज के समय में कोलोरेक्टल कैंसर भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों में बढ़ता जा रहा है।

पेट की आंत या कोलन कैंसर—
पेट संबंधी बीमारियों के बढ़ने का प्रमुख कारण गलत खानपान का सेवन, गतिहीन जीवन शैली, मोटापा, कम फाइबर आहार और शराब का सेवन करना होता है।इससे पेट में कब्ज, गैस और एसिडिटी की परेशानी बढ़ने लगती है ऐसे में यदि पेट संबंधी बीमारियों का समय पर इलाज ना किया जाएं, तो इसे आंत या कोलन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

कोलन कैंसर के लिए उच्च जोखिम में 60 वर्ष से अधिक आयु मानी जाती है, लेकिन आज की बदली लाइफस्टाइल और खानपान के कारण युवास्था व 50 साल से कम उम्र के लोगों में भी कोलन कैंसर का खतरा बना हुआ है। कोलोरेक्टल कैंसर पोलिपोसिस सिंड्रोम समूह का घातक रोग माना जाता है।कोलन कैंसर से बचाव के लिए इसकी जांच के लिए कोलोनोस्कोपी का सहारा लिया जाता है।

बचाव के लिए उच्च फाइबर आहार का सेवन—
कोलन कैंसर के बढ़ते संक्रमण को लेकर किए गए नए शोध में बताया गया है कि ऐसा आहार खाना जो उच्च फाइबर युक्त हो, कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम करता है।आप अपनी डाइट में ब्रोकोली, पालक, पत्तागोभी, सेब आदि उच्च फाइबर युक्त आहार को शामिल कर पेट संबंधी परेशानियों को दूर रख सकते है।इससे कोलन कैंसर का खतरा कम होता है और उच्च फाइबर आहार गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रांज़िट के समय को कम करके, फेकल कार्सिनोजेन्स को कमजोर करने, स्टूल बल्क को बढ़ाने और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुणों के साथ फाइबर को शॉर्ट-चेन फैटी एसिड के लिए बैक्टीरिया किण्वन का कारण बनता है।

Share this story