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बीजेपी नेताओं की बातचीत से भी नहीं रुका Harsimrat Kaur का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र में लाए गए कृषि से जुड़े विधेयकों को किसान विरोधी बताते हुए शिरोमणि अकाली दल कोटे से मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया। मोदी सरकार 2.0 में यह पहला इस्तीफा है। हरसिमरत कौर ने प्रधानमंत्री मोदी को सौंपे इस्तीफे में अपनी पार्टी और किसानों को एक दूसरे
बीजेपी नेताओं की बातचीत से भी नहीं रुका Harsimrat Kaur का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र में लाए गए कृषि से जुड़े विधेयकों को किसान विरोधी बताते हुए शिरोमणि अकाली दल कोटे से मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया। मोदी सरकार 2.0 में यह पहला इस्तीफा है। हरसिमरत कौर ने प्रधानमंत्री मोदी को सौंपे इस्तीफे में अपनी पार्टी और किसानों को एक दूसरे का पर्याय बताया है। कहा है कि, किसानों के हितों से उनकी पार्टी किसी तरह का समझौता नहीं कर सकती। हरसिमरत कौर और उनकी पार्टी को मनाने के लिए भाजपा लगातार प्रयासरत थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शिरोमणि अकाली दल से कृषि बिलों के मसले पर बातचीत चलने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि कृषि बिलों पर भ्रम फैलाया जा रहा है। सहयोगी अकाली दल से पार्टी की बातचीत चल रही है। अकाली दल की जल्द ही बिलों को लेकर गलतफहमी दूर होगी। हालांकि, नड्डा के दावे के अनुरूप ऐसा नहीं हो सका। कृषि बिलों को किसान विरोधी बताते हुए हरसिमरत कौर ने इस्तीफे की घोषणा कर दी।

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दरअसल, कृषि सुधारों से जुड़े तीनों बिलों पर शिरोमणि अकाली दल के तेवर शुरूआत से ही तल्ख थे। राज्यसभा के चीफ व्हिप नरेश गुजराल ने बुधवार को पार्टी सांसदों को बिल के खिलाफ वोटिंग का निर्देश दिया था। भाजपा सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सहयोगी शिरोमणि अकाली दल को मनाने के लिए बीजेपी के रणनीतिकारों की ओर से बातचीत चल रही थी। पार्टी ने अपने तीन प्रमुख सांसदों के साथ पंजाब की प्रदेश इकाई के एक नेता को बातचीत के मोर्चे पर लगाया था। भाजपा को उम्मीद थी कि बातचीत के जरिए वह शिरोमणि अकाली दल को कृषि बिलों के पक्ष में रजामंद कर सकती है। लेकिन, भाजपा की कई दफा की बातचीत के कारण भी शिरोमणि अकाली दल की नाराजगी दूर नहीं हो सकी।

आखिरकार गुरुवार को लोकसभा में अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे की बात कह दी। वहीं बाद में हरसिमरत कौर ने ट्वीट कर आधिकारिक तौर पर बयान भी जारी कर दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और बिल के खिलाफ केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के रूप में उनके साथ खड़े होने पर गर्व है।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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