Samachar Nama
×

Haridwar kumbha 2021: कल्पवास में देवता मनुष्य रूप में करते है हरि कीर्तन

हिंदू धर्म में कुंभ मेले को बहुत ही विशेष माना गया हैं हर कुंभ मेले के एक महीने पूर्व कल्पवास का विधान होता हैं हरिद्वार का कल्पवास बसंत पंचमी से आरंभ होकर माघ पूर्णिता तक रहता हैं पद्म पुराण में महर्षि दत्तात्रेय ने कल्पवास की पूर्ण व्यवस्था का वर्णन किया हैं उनके अनुसार कल्पवासी को
Haridwar kumbha 2021: कल्पवास में देवता मनुष्य रूप में करते है हरि कीर्तन

हिंदू धर्म में कुंभ मेले को बहुत ही विशेष माना गया हैं हर कुंभ मेले के एक महीने पूर्व कल्पवास का विधान होता हैं हरिद्वार का कल्पवास बसंत पंचमी से आरंभ होकर माघ पूर्णिता तक रहता हैं पद्म पुराण में महर्षि दत्तात्रेय ने कल्पवास की पूर्ण व्यवस्था का वर्णन किया हैं उनके अनुसार कल्पवासी को इक्कीस नियमों का पालन करना होता हैंHaridwar kumbha 2021: कल्पवास में देवता मनुष्य रूप में करते है हरि कीर्तन

वही सत्यवचन, अहिंसा, इन्द्रियों का शमन, सभी प्राणियों पर दयाभाव, ब्रह्मचर्य का पालन, व्यसनों का त्याग, सूर्योदय से पूर्व शैय्या त्याग, रोजाना तीन बार सुरसरि स्नान, त्रिकालसंध्या, पितरों का पिण्डदान, यथा शक्ति दान, अन्तमुंर्खी जप, सत्संग, क्षेत्र संन्यास यानी संकल्पित क्षेत्र के बाहर न जाना, परनिन्दा त्याग, साधु सन्यासियों की सेवा, जप और संकीर्तन, एक समय भोजन, भूमि शयन, अग्नि सेवन न कराना, जिनमें से ब्रह्मचर्य, व्रत और उपवास, देव पूजन, सत्संग, दान का विशेष महत्व होता हैं।Haridwar kumbha 2021: कल्पवास में देवता मनुष्य रूप में करते है हरि कीर्तन

क्षीरसागर मंथन के उपरांत अमृत कलश निकलने पर देव और दानवों में अमृत कलश को लेकर युद्ध हुआ था। इस युद्ध के दौरान धरती पर जिन चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागजरा, नासिक और उज्जैन पर अमृत की बूंदें टपकी उन स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता हैं। Haridwar kumbha 2021: कल्पवास में देवता मनुष्य रूप में करते है हरि कीर्तनकुंभ मेले के आयोजन के बारे में तिथियों का निर्धारण राशियों के आधार पर होता हैं कुंभ मेले की तिथि और स्थान को तय करने में बृहस्पति और सूर्य ग्रह की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती हैं। ये दोनों ग्रहों की स्थितियां ही निधारित करती हैं कि देश में कहां कुंभ मेला लगना है और किस दिन इसकी शुरुआत होगी। बृहस्पति और सूर्य के राशियों में प्रवेश करने से ही कुंभ मेले का स्थान और तिथि निर्धारित होती हैं।Haridwar kumbha 2021: कल्पवास में देवता मनुष्य रूप में करते है हरि कीर्तन

 

Share this story