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वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायण

प्रभु श्रीराम के जीवन का वर्णन रामायण और रामचरित मानस में मिलता हैं रामायण ग्रंथ को वैदिक युग में महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था और मध्यकाल में कवि तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की थी। मगर क्या आपको यह पता हैं कि एक रामायण प्रभु श्रीराम के सबसे बड़े और अंजनी पुत्र हनुमान ने भी लिखी थी। इसे हनुमद रामायण के नाम से जाना जाता हैं।
वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायण

हिंदू धर्म में रामायण ग्रंथ को बहुत ही खास और पवित्र माना जाता हैं प्रभु श्रीराम के जीवन का वर्णन रामायण और रामचरित मानस में मिलता हैं रामायण ग्रंथ को वैदिक युग में महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था और मध्यकाल में कवि तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की थी। मगर क्या आपको यह पता हैं कि एक रामायण प्रभु श्रीराम के सबसे बड़े और अंजनी पुत्र हनुमान ने भी लिखी थी।वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायण इसे हनुमद रामायण के नाम से जाना जाता हैं। वही उन्होंने यह ग्रंथ वाल्मीकि से पहले लिख दिया था। मगर बाद में हनुमान जी को इस ग्रंथ को समुद्र में डुबोना पड़ा। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं भक्त हनुमान ने क्यों डुबो दी रामायण को, तो आइए जानते हैं।वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायण

हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, लंका विजय के बाद प्रभु श्रीराम अयोघ्या में राज करने लगे थे और हनुमान जी हिमालय पर शिवजी की तपस्या करने के लिए आ गए। इसी दौरान एक शिला में हनुमान जी रोज अपने प्रभु का स्मरण करते हुए नाखून से श्री राम की कथा लिखते थे। वही महर्षि वाल्मीकि ने भी रामायण लिखने के बाद शिव को इसे समर्पित करने के उद्देश्य से कैलाश पर्वत पहुंच गए। वहां पर पहले से हनुमान जी द्वारा लिखी रामायण को देख महर्षि को बड़ा आश्चर्य हुआ। वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायणउन्हें आश्चर्य इस बात का था कि एक योद्धा प्रभु राम के जीवन का वर्णन इतने सुंदर ढंग से कैसे कर सकता हैं इस पर उन्होंने हनुमान जी के काव्य की खूब प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपकी रचना के सामने मेरी रचना कुछ नहीं हैं। यह सुनकर हनुमान जी के मन में विचार आया कि वाल्मीकि जी एक महान कवि है और वे रामभक्त भी हैं। मेरी रचना उनसे सुंदर हैं तो क्या हुआ, उनकी रामायण में भी तो मेरे प्रभु की महिमा बतायी गई हैं।वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायण इसलिए मुझे ऐसा कार्य करना चाहिए। जिससे कि संसार उन्हीं की रचना को याद रखें। इसके बाद हनुमान जी ने शिला में लिखी अपनी रामायण को उठाया और समुद्र में उसे विसर्जित कर दिया और हनुमद रामायण हमेशा के लिए समुद्र में समा गई।

वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायण

प्रभु श्रीराम के जीवन का वर्णन रामायण और रामचरित मानस में मिलता हैं रामायण ग्रंथ को वैदिक युग में महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था और मध्यकाल में कवि तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की थी। मगर क्या आपको यह पता हैं कि एक रामायण प्रभु श्रीराम के सबसे बड़े और अंजनी पुत्र हनुमान ने भी लिखी थी। इसे हनुमद रामायण के नाम से जाना जाता हैं। वाल्मीकि से पहले हनुमान जी ने लिख दी थी रामायण

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