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हनुमान जी लंका उड़ कर गए थे या फिर तैरकर, जानें पूरा सच

हिंदू धर्म में रामाणय को बहुत ही पवित्र ग्रथं माना जाता हैं। वही पवित्र रामायण व्यक्ति को जीवन जीने का सही तरीका बताती हैं। जो व्यक्ति रामायण की बातो का पालन करता हैं,उसका जीवन सुख होता हैं। वह अपने जीवन में कभी भी निराश व परेशान नहीं रहता हैं। वही रामायण को लेकर कई सारी

हिंदू धर्म में रामाणय को बहुत ही पवित्र ग्रथं माना जाता हैं। वही पवित्र रामायण व्यक्ति को जीवन जीने का सही तरीका बताती हैं। जो व्यक्ति रामायण की बातो का पालन करता हैं,उसका जीवन सुख होता हैं। वह अपने जीवन में कभी भी निराश व परेशान नहीं रहता हैं। वही रामायण को लेकर कई सारी बाते प्रचलित हैं। वही यह भी कहा जाता हैं,कि क्या रामायण में भगवान श्री हनुमान जी माता सीता तक भगवान श्री रात का संदेश लेकर लंका तक तैरकर गए थे या फिर उड़ कर वहा तक पहुचें थे। तो आज हम इसी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं,तो आइए जानते हैं,उन बातों को।

आपको बता दें,कि सनत कुमार और नारद मुनि ही ऐसे देवता थे। जो अपनी शक्ति से आकाश मार्ग में उड़ सकते थे। वही भगवान हनुमान जी को लघिमा शक्ति प्राप्त थी। जिसके माध्यम से वह उड़ सकते थे। वही हनुमान जी ने लघिमा और महिमा शक्ति के बल पर समुद्र पार किया था। हनुमान जी लंका उड़ कर गए थे या फिर तैरकर, जानें पूरा सचवही बता दें,कि हनुमान जी के समुद्र लांघने का वर्णन सुंदरकांड में भी किया गया हैं। महा बली हनुमान जी ने अपनी उड़ान शक्ति का परिचय कई बार दिया था।हनुमान जी लंका उड़ कर गए थे या फिर तैरकर, जानें पूरा सच

हनुमान जी ने पहली बार जब वह सूर्य को फल समझकर आकाश में उड़े थे। वही दूसरी बार तक जब वह लंका को पार करके वहां तक पहुंचे थे।हनुमान जी लंका उड़ कर गए थे या फिर तैरकर, जानें पूरा सच वही तीसरी बार तक जब उन्होंने लंका को दहन किया था और चौ​थी बार जब वह संजीवनी बूटी लेने के लिए द्रोणाचार्य पर्वत पर गए थे और पांचवी बार तक जब वह श्री राम और लक्ष्मण को अहिरावण से छुड़ाने के लिए पाताल लोक में गए थे।हनुमान जी लंका उड़ कर गए थे या फिर तैरकर, जानें पूरा सच

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