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प्रकाश पर्व: जानिए क्या हुआ जब गुरु नानक देव पहुंचे खुदा के घर

गुरु नानक जयंती जिसे हम सब प्रकाश पर्व के नाम से भी जानते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती हैं। सिख धर्म के संस्थापक संत नानक देव का जन्मदिन इस बार 23 नवंबर को पड़ रहा हैं। गुरु नानक देव जी को प्रमुख रूप से सिख धर्म का गुरु माना जाता हैं। मगर अन्य
प्रकाश पर्व: जानिए क्या हुआ जब गुरु नानक देव पहुंचे खुदा के घर

गुरु नानक जयंती जिसे हम सब प्रकाश पर्व के नाम से भी जानते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती हैं। सिख धर्म के संस्थापक संत नानक देव का जन्मदिन इस बार 23 नवंबर को पड़ रहा हैं। गुरु नानक देव जी को प्रमुख रूप से सिख धर्म का गुरु माना जाता हैं। मगर अन्य धर्मों के लोग भी इनको बहुत ही श्रद्धा भाव से मानते हैं। गुरु नानक जी ने धर्म और जातियों के बीच की खाई को कम करने के लिए कई संदेश दिए हैं। गुरु नानक देव ने अपने जीवन काल में अरब देशों की यात्राएं की थी।प्रकाश पर्व: जानिए क्या हुआ जब गुरु नानक देव पहुंचे खुदा के घर

अपनी यात्रा के दौरान एक बार वे मुस्लिमों के सबसे पवित्र स्थान मक्का मदीना पहुंचे। जहां पर उनके साथ कुछ मुस्लिम भी थे। जब गुरु नानक मक्का पहुंचे तो सूरज अस्त हो चुका था। सभी यात्री काफी थक चुके थे। मक्का में मुस्लिमों का पवित्र स्थान काबा हैं। गुरु जी रात के वक्त थकान होने की वजह से काबा की ओर अपने पैर रखकर सो गए। कुछ ही देर बाद एक मुस्लिम व्यक्ति ने आकर नानक देव को जगाया और कहा,कि इधर पैर करके न सोएं इस तरफ पवित्र काबा हैं।प्रकाश पर्व: जानिए क्या हुआ जब गुरु नानक देव पहुंचे खुदा के घर

नानक देव उस व्यक्ति की बात सुनकर कुछ देर तो चुप रहें फिर बड़ी ही सहज भाव से जवाब ​दिया मैं एक मुसाफिर हूं गलती हो गई आप इन पैरों को उस तरफ कर दें जिस ओर खुदा का घर न हो। तब इसके बाद उस मुस्लिम व्यक्ति ने गुस्से से पैर खींचकर दूसरी ओर कर दिया। वही गुरु नानक का पैर दूसरी दिशा में करने के बाद भी उसको काबा ही दिख रहा था। तब गुरु नानक ने उस व्यक्ति से कहा कि ऐसी जगह बताओ जहां पर खुदा न हो इस चमत्कार को देखकर काबा के सारे मुस्लिम हैरान रह गए।प्रकाश पर्व: जानिए क्या हुआ जब गुरु नानक देव पहुंचे खुदा के घर

तब उन्होंने बताया कि ईश्वर तो हर दिशा में और हर वक्त हमें देख रहा हैं इसलिए जो भी करो ईमानदारी से करो उससे कुछ भी ​छुपा नहीं हैं। गुरु नानक की बात सुनकर वहां के सारे मुस्लिमों ने उनका बहुत आदर-सत्कार किया हैं।

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