गुरु नानक देव जी कैसे बने सिख धर्म के संस्थापक
आपको बता दें कि आज देशभर में गुरु नानक देवी की जयंती मनाई जा रही हैं। गुरु नानक जयंती का पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं यह पर्व सिख समुदाय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं वही आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुरु नानक देव जी से जुड़ी कुछ खास बातें, तो आइए जानते हैं।
गुरुपर्व हर साल गुरु के जन्मदिन पर मनाया जाता हैं गुरु नानक जयंती का पर्व सिख समुदाय के पहले गुरु, गुरु देव नानक जी के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता हैं। वही गुरु नानक जयंती या गुरुपर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक थे। गुरु नानक जी उपदेश और शिक्षाएं उनके अनुयायियों के बीच आज भी बहुत लोकप्रिय हैं। गुरु नानक देव जी ने अध्यात्मिक शिक्षा के आधार पर ही सिख धर्म की स्थापना की। वही गुरु नानक जी बहुमुखी प्रतिभा वाले व्यक्तित्व थे। गुरु नानक देव जी को धार्मिक नवप्रवर्तनक भी कहा जाता हैं सिख धर्म के प्रथम गुरु होने के साथ साथ गुरु नानक देव जी एक महान दार्शनिक समाजसुधारक, देशभक्त, धर्मसुधारक, योगी आदि भी थे। उन्होंने अंधविश्वास, मूर्ति पूजा आदि का कट्टर विरोध किया।
गुरु नानक जी ने धार्मिक कुरोतियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और दुनिया के कोने कोने में सिख धर्म का प्रचार किया। गुरु नानक देव जी ने अनुयायियों को भगवान तक पहुंचने का मार्ग बताया। उनहोंने लोगों को प्रेम करना, जरूरतमंदों की सहायता करना, महिलाओं का आद करना आदि के लिए भी प्रेरित किया और अपने अनुयायियों को ईमानदारी पूर्वक जीवन जीने की शिक्षा दी और जीवन से संबंधित कई उपदेश दिए।