मंत्र सिद्धि और साधना के लिए महत्वपूर्ण हैं गुप्त नवरात्र के नौ दिन
हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्र को विशेष पर्व के रूप में जाना जाता हैं लोगो को पौराणिक समय से इसमें आस्था और विश्वास हैं मुख्य रूप से यह देवी शक्ति को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता हैं जिससे मानव जीवन में कोई तनाव न हो। मान्यता हैं कि अगर कुछ समस्याएं जीवन में बनी रहती हैं तो आप किसी विशेष समस्या के लिए विशेष मंत्रों का जप करके उन समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। तो आज हम आपको गुप्त नवरात्र से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए गुप्त नवरात्र की तारीख और शुभ मुहूर्त—
गुप्त नवरात्र 25 जनवरी से 3 फरवरी तक मनाया जाएगा। नवरात्र पारायण 4 फरवरी को होगा। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 25 जनवरी को प्रतिपदा तिथि को सुबह 9:53 बजे से 10:49 बजे तक रहेगा। वही इसका अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:17 बजे से दोपहर 1:01 बजे तक रहेगा।
बता दें कि देवी भागवत के मुताबिक जिस प्रकार चैत और शारदीय नवरात्र में देवी मां के नौ स्वरूपों की आरधना की जाती हैं ठीक उसी तरह से गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना का महत्व होता हैं गुप्त नवरात्र के समय साधक मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, माता छिन्नतस्ता,त्रिपुरा भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी की आराधना की जाती हैं। देवी पुराणों के मुताबिक एक साल में चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता हैं। पहली चैत्र नवरात्रि साल के पहले माह में आती हैं दूसरी साल के चौथे महीने में आती हैं तीसरा नवरात्र अश्विन मास में और ग्यारहवें महीने में चौथी बार नवरात्रि महोत्सव मनाया जाता हैं।