गुप्त नवरात्रि में करें महाविद्याओं की पूजा
आपको बता दें कि 25 जनवरी से गुप्त नवरात्र आरंभ हो रहे हैं इस बार गुप्त नवरात्र विशेष सिद्धि योग में आ रहा हैं ज्योतिष की मानें तो ग्रह नक्षत्रों के संयोगों से साधना करने वाले गृहस्थ साधकों को सिद्धि प्राप्त करना सरल होगा। बता दें कि यह अवसर साधकों के लिए बहुत ही खास हैं। गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी से आरंभ होकर 3 फरवरी को समाप्त होगी। पारण चार फरवरी को होगा। वही ज्योतिष अनुसार गुप्त नवरात्र विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़ी जातकों के लिए विशेष महत्व रखता हैं इस दौरान देवी भगवती के साधक बहुत ही कड़े नियमों के साथ व्रत और साधना करते हैं गुप्त नवरात्र में जातक लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करने का भी प्रयास करते हैं। वही ज्योतिष अनुसार बता दें कि नौ दिन व्रत रखने वाले साधकों को काले वस्त्रों को नहीं धारण करना चाहिए। नमक और अनाज का सेवन भी गुप्त नवरात्र में नहीं करना चाहिए। दिन में सोना नहीं चाहिए। किसी को भी अपशब्द नहीं कहना चाहिए। साधक को माता की दोनों समय आरती करनी चाहिए। इन दिनों मां दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना शुभकारी होता हैं। वही गुप्त नवरात्र में नौ दिनों तक उपवास रखने का विधान हैं इस नवरात्रि में मां की पूजा रात के वक्त की जाती हैं इन नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकती हैं। अगर कलश की स्थापना की हैं तो दोनों समय मंत्र जाप, दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।