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Goodbye Dean..हमेशा याद रहेगी मद्रास टेस्ट की वो महान पारी, जानें !

आस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज डीन जोंन्स ने गुरुवार को मुम्बई में अंतिम सांस ली । डीन उस कमेंटरी टीम का हिस्सा थे, जो स्टार स्पोटर्स के लिए आईपीएल डगआउट कार्यक्रम पेश कर रही थी । डीन का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ । अपने करियर में डीन ने कई शानदार पारियां खेलीं
Goodbye Dean..हमेशा याद रहेगी मद्रास टेस्ट की वो महान पारी, जानें !

आस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज डीन जोंन्स ने गुरुवार को मुम्बई में अंतिम सांस ली । डीन उस कमेंटरी टीम का हिस्सा थे, जो स्टार स्पोटर्स के लिए आईपीएल डगआउट कार्यक्रम पेश कर रही थी । डीन का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ । अपने करियर में डीन ने कई शानदार पारियां खेलीं मगर उनमें से मद्रास टेस्ट की पारी सबको याद रहेगी, जिसके लिए क्रिकेट इतिहास में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा । बता दें कि, ये पारी सितम्बर 1986 में चेन्नई में भारत के खिलाफ खेली गई उनकी 210 रनों की पारी थी ।

उस पारी ने सर डॉन ब्रैडमैन के 334, मार्क टेलर के 334, मैथ्यू हेडन के 380 और जेसन गिलेस्पी के नाबाद 201 रनों की पारी को फीका कर दिया था । वह एक ऐसी पारी है, जिसके बारे में टेस्ट बल्लेबाजों को आने वाले कई दशकों तक बताया जा सकता है । डीन की वह पारी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों द्वारा खेली गई सबसे बड़ी पारियों में 45वें स्थान पर आती है । बता दें कि, साल 1986 में आस्ट्रेलियाई टीम का भारत दौरा कई मायने मे खास था । पहला, यह बॉब सिम्पसन का आस्ट्रेलिया से बाहर पहला टूर था और दूसरा डीन ने इस सीरीज के माध्यम से दो साल के बाद टेस्ट टीम में वापसी की थी। साथ ही डीन को नम्बर-3 पर खेलने की अहम जिम्मेदारी मिली थी ।

डीन जोंस अपने टेस्ट करियर के तीसरे मैच के बाद टीम में वापसी कर रहे थे । बहरहाल, बार्डर ने मद्रास में टॉस जीता और बल्लेबाजी चुनी। ज्यौफ मार्श और डेविड बून की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 48 रन जोड़े और बून और जोंस ने दूसरे विकेट के लिए 158 रनों की साझेदारी की। बून स्टम्प्स से ठीक पहले 122 रनों के निजी योग पर आउट हुए । जोंस 56 पर नाबाद थे
। दूसरा दिन बिल्कुल अलग था। गर्मी और उमस के बीच जोंस ने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया और फिर बार्डर के साथ मिलकर अपनी टीम को बड़े स्कोर की ओर से गए । गर्मी और उमस ने हालांकि उनकी हालत खराब कर दी थी । उस दिन वहां का तापमान करीब 40 डिग्री के करीब था । उस पारी के बारे में जोंस ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि, उन्होंने अपना अंतिम 100 सिर्फ 66 गेंदों पर बनाया था क्योंकि वो इतने थक चुके थे कि उनसे दौडा भी नहीं जा रहा था ।

इसके आगे डीन ने बताया कि, 170 रनों तक जाते-जाते उनका शरीर पूरी तरह जवाब दे चुका था और उनको कई बार उल्टियां भी हुई मगर वो मैदान से बाहर नहीं जाना चाहते थे क्योंकि वो खूद का साबित करना चाहते थे । दूसरी ओर, कप्तान बार्डर भी स्थिति की गम्भीरता को समझ नहीं पा रहे थे। उन्हें लग रहा था कि यह फुड प्वाइजनिंग के कारण हो रहा है और एनर्जी ड्रिंक लेने से सही हो जाएगा लेकिन जब हालात काफी बिगड़ गए तो किसी ने उन्हें बाहर जाने की सलाह दी । जिसके बाद 210 रनों पर जब वह अंतत: आउट हुए और उनको ड्रेसिंग रूम में ले जाकर आईस बाथ दिया गया जिसके बाद उनको अस्पताल ले जाया गया और ड्रिप लगाई गई ।

जिसके बाद जोंस जल्द ही ठीक होकर दूसरी पारी में बल्लेबाजी के काबिल हो गए लेकिन बार्डर ने बाद में कहा था कि , “हे भगवान..मैंने तो उसे मार ही दिया था।” आज भी जोंस की ये पारी इतिहास में याद करने के ​काबिल हैं ।

 

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