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चैत्र नवरात्रि : जाने देवी कात्यायनी के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

जयपुर। नवरात्रि के छठें दिन माता दुर्गा की छठी शक्ति देवी कात्यायनी की पूजा की जाएंगी। महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न हो कर देवी कात्यायनी ने इनके घर में पुत्री के रूप मे जन्म लिया जिस कारण से इनका नाम कात्यायनी पडा। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ,
चैत्र नवरात्रि : जाने देवी कात्यायनी के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

जयपुर। नवरात्रि के छठें दिन माता दुर्गा की छठी शक्ति देवी कात्यायनी की पूजा की जाएंगी। महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न हो कर देवी कात्यायनी ने इनके घर में पुत्री के रूप मे जन्म लिया जिस कारण से इनका नाम कात्यायनी पडा। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही  रोग, शोक, संताप और भय नष्ट होता हैं।

चैत्र नवरात्रि : जाने देवी कात्यायनी के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

 

 

माता कात्यायनी की पूजा इस मंत्र

चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना|
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि||

चैत्र नवरात्रि : जाने देवी कात्यायनी के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

माता कात्यायनी का स्वरूप दिव्य ओर स्वर्ण के समान माना जाता है। ये सिंह की सवारी करती है। इनकी चार भुजाए हैं। दाईं ओर की ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में। मां के बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। चैत्र नवरात्रि : जाने देवी कात्यायनी के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

देवी की उपासना करने से परम पद की प्राप्ति होती है। देवी कात्यायनी की पूजा करने से भक्त को अर्थ,  धर्म,  काम,  मोक्ष इन चारो का फल मिलता है। इसके साथ ही ये  भक्त का शोक,संताप भी दूर करती हैं। मन से भय को दूर करती हैं। इनकी पूजा करने से आय में वृद्धि व बेरोज़गारो को रोज़गार मिलता है।

चैत्र नवरात्रि : जाने देवी कात्यायनी के स्वरुप को और इनकी पूजा के महत्व के बारे में

देवी कात्यायनी की पूजा में शहद चढता है। इसके साथ ही शहद का ही दान ब्राहमण को किया जाता है। इनकी पूजा में मधु का विशेष महत्व है।

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