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इस सर्जरी से पाए मोतियाबिंद से छुटकारा, नहीं है कोई दुष्प्रभाव

जयपुर. आंखों के लिए मोतियाबिंद एक सामान्य रोग है। यह उम्र पचास साल से अधिक की उम्र के लोगों में अधिक होता है। विश्व में मोतियाबिंद अंधता का एक प्रमुख कारण है ।वहीं साठ वर्ष से अधिक की उम्र के 40 प्रतिशत लोगों में यह रोग अधिक पाया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो ऑपरेशन
इस सर्जरी से पाए मोतियाबिंद से छुटकारा, नहीं है कोई दुष्प्रभाव

जयपुर. आंखों के लिए मोतियाबिंद एक सामान्य रोग है। यह उम्र पचास साल से अधिक की उम्र के लोगों में अधिक होता है। विश्व में मोतियाबिंद अंधता का एक प्रमुख कारण है ।वहीं साठ वर्ष से अधिक की उम्र के 40 प्रतिशत लोगों में यह रोग अधिक पाया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो ऑपरेशन ही इसका एकमात्र इलाज़ है, जो सुरक्षित एवं आसान प्रक्रिया है।

आंखों के लेंस के धुंधलेपन को मोतियाबिंद कहा जाता है। इसमें द्रष्टीपटल तक प्रकाश नहीं पहुंच पाता है, व धीरे-धीरे दृष्टि में कमी अन्धता के बिंदु तक पहुंच जाती है। ज्यादातर लोगों में अंतिम परिणाम धुंधलापन एवं विकृत दृष्टि होते है। हालांकि आज हम आपको मोतियाबिंद के इलाज के लिए एक सर्जरी के बारे में बता रहे हैं, जिसका कोई साइड इफेक्‍ट भी नहीं है……इस सर्जरी से पाए मोतियाबिंद से छुटकारा, नहीं है कोई दुष्प्रभावमाइक्रो इनसिशन कैटरैक्ट सर्जरी

दुनिया भर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में आए गुणात्मक बदलावों के मान्यता प्राप्त तरीकों में से एक विधि है माइक्रो इनसिशन कैटरैक्ट सर्जरी। इस विधि में 2 एमएम से भी छोटे छिद्र द्वारा मोतियाबिंद की शल्य चिकित्सा को कारगर ढंग से अंजाम दिया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो यह सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि इस सर्जरी को कराने से पहले आप आपने चिकित्‍सक से परामर्श जरूर कर ले।

सर्जरी की विशेषता

इस विधि में बिना सुई व बिना टांके के ऑपरेशन किया जाता है। इसी कारण ऑपरेशन के बाद मरीजों को अस्पताल में रुकने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। अब ऐसे लेंस नेत्र सर्जनों के पास उपलब्ध हैं, जो सूक्ष्म छिद्र द्वारा प्रत्यारोपित किए जा सकते हैं।

इस तरह के ऑपरेशनों को नियंत्रित वातावरण में किया जाता है। इसलिए साल भर इन आपरेशनों को एक समान गुणवत्ता के साथ करना संभव हो गया है। इसलिए इस प्रक्रिया के साथ सर्जरी कराना एकदम सुरक्षित माना गया है।

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