अगर करेंगे इस मंत्र का जप तो छप्पर फाड़कर आएंगी लक्ष्मी
भगवान श्रीगजानन सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य हैं। भगवान भोलेनाथ और भगवती पार्वती के पुत्र गणेश अपने भक्तों की सभी मनोकामना अतिशीघ्र पूरी करते हैं। वे एकदंत, चतुर्भुज, लाल चंदन धारण करने वाले और पीतवस्त्रधारी हैं।
वेदों, पुराणों और शास्त्रों आदि में एकमत से यह वर्णित है कि जो भगवान गणेश के इस अचूक मंत्र का प्रतिदिन ग्यारह बार जाप करता है उसे अपार धन की प्राप्ति होती है और बुद्धि-विवेक में उसे कोई पराजित नहीं कर सकता है।
आईए जानें असीम धनवर्षा कराने वाला यह संकटनाशन गणेश स्तोत्र मंत्र-
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्। भक्तावासं स्मरेन्नितयं आयुः कामार्थसिद्धये।।
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्। तृतीयं कृष्णपिड़गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।
लम्बोदरं पंचम च षष्ठं विकटमेव च। सप्तम विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम्।।
नवमं भालचंन्द्रं च दशमं तु विनायकम्। एकादशं गणपतिं द्वादशम् तु गजाननम्।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नर। न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरः प्रभुः।।
विद्यार्थी लभते विद्या धनार्थी लभते धनम्। पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम्।।
याद रखिए जो भक्त इन उपरोक्त बारह नामों का जाप प्रातः मध्यान्ह और सायंकाल करता है उसे किसी का भय नहीं सताता, उसे अपार धन के साथ बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है। ध्यान रहे यह मंत्र सब प्रकार की सिद्धियां भी देने वाला है।