जानिए रत्नों को धारण करने का सही नियम
हर व्यक्ति के जीवन में ज्योतिषशास्त्र और रत्न शास्त्र व कुंडली का विशेष महत्व होता हैं ज्योतिषशास्त्र में रत्नों को खास माना जाता हैं इन रत्नों को ग्रहों की शांति के लिए और उन्हें शाक्तिशाली या मजबूत बनाने के लिए धारण किया जाता हैं ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं इन रत्नों को धारण करने के कुछ खास नियम भी होते हैं अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता हैं तो रत्नों के दुष्परिणाम भी जातक को प्राप्त होते हैं। वही रत्नों को धारण करने से पहले जातक को अपनी कुंडली का अध्ययन किसी अच्छे ज्योतिष से करवाना चाहिए और उनकी सलाह के बाद ही रत्न धारण करने चाहिए। ग्रहों के लिए रत्न और उन्हें धारण करने की विधि के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। बता दें कि अगर किसी मनुष्य की कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हैं तो उसे रविवार के दिन रिंग फिंगर में माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। रत्न धारण के लिए सूर्योदय का समय सबसे उचित माना जाता हैं। वही अगर कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही हो तो ऐसे व्यक्तियों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती हैं मोती धारण करने का सबसे शुभ समय सोमवार का दिन होता हैं सोमवार की शाम अनामिका या कनष्ठिका उंगली में मोती पहन सकते हैं। कुंडली में मंगल की महादशा चलने पर मनुष्य को मूंगा पहनना चाहिए। मूंगा पहनने के लिए मंगलवार का दिन उचित होता हैं मंगल के दिन शाम 5 के बाद इसे रिंग फिंगर में पहनना उत्तम हैं।